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बैंड बाजा के साथ दुल्हन को बैल गाड़ियों के काफिले के साथ लेने पहुंची बारात

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बैंड बाजा के साथ दुल्हन को बैल गाड़ियों के काफिले के साथ लेने पहुंची बारात

रायबरेली, जहां आज से 40 साल पहले लोगों के लिए संसाधन नहीं रहते थे वही लोग बैल गाड़ियों से शादी बारात ले जाया करते थे आधुनिकता के इस दौर में बैलगाड़ी से निकली बारात लोगों का बनी आकर्षण केंद्र जब दूल्हा बैल गाड़ियों से बरात लेकर पहुंचा|

  दुल्हन के घर तो लोग आश्चर्य मे पड़ गए दरअसल रुस्तमपुर गांव निवासी अजीत उर्फ लल्ला यादव पुत्र दिनेश यादव की बारात बैलगाड़ी और घोड़ों से जब रुस्तमपुर से होकर जा रही थी तो लोगों की भीड़ अपने दरवाजे व छतों पर उत्साह पूर्वक खड़े होकर देखती नजर आई सजी बैल के खनखन करते घुंघरू आकर्षण का केंद्र बने हुए थे आगे आगे घोड़े और पीछे बैल गाड़ियों का काफिला जा रहा था इस प्राचीन परंपरा को देखकर के लोग बहुत खुश नजर आ रहे थे दूल्हे के पिता दिनेश यादव ने बताया कि बैल गाड़ियों का इंतजाम करना कठिन काम था बैल और बैल गाड़ी विलुप्त होती जा रही हैं लेकिन काफी मेहनत के बाद 25 बैल गाड़ियों का इंतजाम कर पाया था भूएमऊ गांव निवासी रामनंद यादव की  की बेटी का खुशी का ठिकाना नहीं रहा उसने कहा कि शादी अजीत यादव से हुई है और अजीत ने बैलगाड़ी से बरात ला करके मेरी जिंदगी का एक यादगार लम्हा बना दिया है।

संवाददाता असगर अली महाराजगज रायबरेली