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आवास के नाम पर प्रधान द्वारा घूस मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल

आवास के नाम पर प्रधान द्वारा घूस मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल
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रायबरेली समाचार
रायबरेली समाचार

आवास के नाम पर प्रधान द्वारा घूस मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल।

क्या इसी तरह प्रदेश सरकार की नीतियों पर पानी फेरते रहेंगे गांव के प्रधान।


खीरों (रायबरेली)- प्रदेश सरकार भले ही अपराधों और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण कर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हो। लेकिन खीरों ब्लाक के अंतर्गत भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यहां मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवासो के नाम पर ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों से जमकर वसूली की जा रही है। पैसा देने वाले को पात्र और न दे पाने वाले को अपात्र घोषित किया जा रहा है। इस तरह पात्रता और पात्रता का पैमाना पैसा ही निर्धारित कर दिया गया है। ऐसा ही एक मामला खीरों ब्लाक की ग्राम पंचायत देवगांव का है। जहां एक मुख्यमंत्री आवास की लाभार्थी महिला से ग्राम प्रधान द्वारा दस हजार रुपए मांगने का ऑडियो वायरल हो रहा है । गरीब महिला द्वारा अपनी गरीबी का हवाला देकर जब पैसा देने में असमर्थता व्यक्त की गई। तो ग्राम प्रधान ने अपने चहेतों से विभागीय उच्चाधिकारियों को एक प्रार्थना पत्र दिला कर उसकी दूसरी किस्त रुकवा दी और उसे अपात्र घोषित करा दिया है। लाभार्थी महिला ने खंड विकास अधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देकर मामले की जांच कर दूसरी किस्त जारी करने की मांग की है।
       देवगांव निवासी सरोज देवी पत्नी पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि मेरे पास मात्र एक कच्ची कोठरी थी। उसी में वह गुजर-बसर करती थी। वर्ष 2021 में बारिश के दौरान उसकी कच्ची कोठरी ढह गई थी और उसके पास सिर छिपाने की जगह नहीं थी। राजस्व विभाग द्वारा हल्का लेखपाल दिनेश कुमार के माध्यम से जांच कराकर 3500 रुपए अहेतुक सहायता के रूप में दिए गए थे । सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) और सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) द्वारा जांच कर विभागीय अधिकारियों को उसके पात्र होने की रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। आवास स्वीकृत होने के बाद उसके खाते में विभाग द्वारा प्रथम किस्त के रूप में 40 हजार रुपए भेजे गए। जिसमें उसने नींव भरवा कर आवास का निर्माण आरंभ करा दिया । दूसरी किस्त मिलने से पहले उसकी ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान अशोक कुमार ने फोन पर उससे ब्लॉक के अधिकारियों को देने के नाम पर दस हजार रुपए मांगे। उसने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए ग्राम प्रधान को पैसे देने में असमर्थता व्यक्त की । उसने ग्राम प्रधान से कहा कि तीसरी किस्त मिलने पर वह दस हजार रुपए उनको दे देगी। लेकिन प्रधान ने उसकी एक नहीं सुनी और पैसा न मिलने पर नाराज ग्राम प्रधान अशोक कुमार ने अपने कुछ चहेतों के माध्यम से विभागीय उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर अपात्र बता कर दूसरी किस्त रुकवा दिया। सरोज देवी ने यह भी बताया कि उसके गांव की एक अन्य अपात्र लाभार्थी को भी मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास दिया गया है। जबकि उसका पति अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। संयुक्त रूप से एक ही घर में रहते हैं । इससे पूर्व उसकी सास को दो बार आवास योजना का लाभ मिल चुका है। लेकिन उसने ग्राम प्रधान को उनकी मुंह मांगी रकम दे दी है। इसलिए उसे पात्र घोषित कर उसे दूसरी किस्त जारी कर दी गई है। सरोज देवी ने खंड विकास अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर जांच कर उसे दूसरी किस्त जारी करने की मांग की है। खंड विकास अधिकारी डॉ अंजू रानी वर्मा ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा पैसे मांगने का ऑडियो वायरल होने का मामला संज्ञान में आया है। ग्राम प्रधान को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। जांच में सरोज देवी को अपात्र पाया गया है। इसलिए उसकी दूसरी किस्त रोक दी गई है।


रुस्तम यादव खीरों रायबरेली।