फरियादियों से घिरे कमलेश पाल के पास दोपहर करीब 12 बजे कुंडा कस्बा के अत्तानगर के रहने वाले जागेश्वर प्रसाद पहुंचे। हाथ जोड़े और रुंधे गले से उन्होंने अपनी कहानी शुरू की तो माहौल में सन्नाटा छाया गया। सभी ने उन्हें गौर से सुना।
कोतवाल साहब, मुझे जिंदा कर दो, मेरी संपत्ति कब्जाने के चक्कर में भाइयों ने कागजों में मुझे मार डाला। अब मैं जिंदा होने का सुबूत लिए घूम रहा हूं…। बृहस्पतिवार को जनसुनवाई के दौरान कोतवाल कमलेश पाल एक बुजुर्ग की यह बात सुनकर आवाक रह गए। उन्होंने उसे कुर्सी पर बिठाया, पानी पिलाया। फिर पूरी बात सुनी।
फरियादियों से घिरे कमलेश पाल के पास दोपहर करीब 12 बजे कुंडा कस्बा के अत्तानगर के रहने वाले जागेश्वर प्रसाद पहुंचे। हाथ जोड़े और रुंधे गले से उन्होंने अपनी कहानी शुरू की तो माहौल में सन्नाटा छाया गया। सभी ने उन्हें गौर से सुना।
उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले वह रोजी-रोटी के चलते बाहर चले गए थे। इस दौरान उनके भाइयों ने राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से अभिलेख में उन्हें मृत दिखाकर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया।
घर आने पर भाइयों के कारनामे की उन्हें जानकारी हुई। करीब एक साल से वह एसडीएम, तहसीलदार और संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायती पत्र देते हुए खुद के जिंदा साबित होने का सुबूत दे रहे हैं। पर सरकारी दस्तावेज में अभी तक वह जीवित नहीं हो सके। कोतवाल कमलेश पाल ने उनके कागजात देखे। उन्होंने बताया उसके पास आधार कार्ड समेत सभी दस्तावेज मौजूद हैं। मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट- सर्वेश नागर प्रतापगढ़ कुंडा
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