आइआइटी में तीसरे विद्यार्थी की आत्महत्या ने विश्व प्रसिद्ध संस्थान की शिक्षण प्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है

0 min read

पिछले 30 दिनों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की (आइआइटी) में तीसरे विद्यार्थी आत्महत्या करने के बाद विश्व प्रसिद्ध संस्थान की शिक्षण प्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। झारखंड के दुमका जिले की रहने वाली शोध छात्रा प्रियंका जायसवाल ने 21 दिन पहले आइआइटी में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में शोध करने के लिए प्रवेश लिया था।

गुरुवार को उसका शव छात्रावास के हाल नंबर चार के कमरा नंबर 314 में फंदे से लटकता हुआ मिला। उसके पिता नरेन्द्र जायसवाल ने पुलिस को बताया कि बुधवार रात को ही उनकी बेटी से बात हुई थी। उसने कहा था कि वह रोज देर से उठती है, जिससे वह ब्रेकफास्ट नहीं कर पाती।
उसने कहा कि पापा मुझे कल जल्दी उठा देना, जिससे ब्रेकफास्ट मिस न हो। सुबह नरेन्द्र ने कई बार बेटी को कई बार काल की लेकिन फोन नहीं उठा। उन्होंने हास्टल मैनेजर रितु पांडेय को फोन किया तो उन्होंने प्रियंका के कमरे के दरवाजे पर दस्तक दी लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अनहोनी की आशंका पर पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद दरवाजा तोड़ कर देखा तो प्रियंका का शव फंदे से लटकता हुआ मिला।


बीती 20 दिसंबर को ओडिशा के कटक निवासी आइआइटी की शोधार्थी पल्लवी चिल्का ने आत्महत्या कर ली थी। 21 दिन बाद ही 10 जनवरी को एमटेक छात्र विकास मीना के आत्महत्या करने पर पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने आइआइटी पहुंचकर छात्रों और निदेशक प्रो. एस गणेश से बात भी की थी।
उन्होंने लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बारे में चिंता जताते हुए छात्रों की समस्या को सुनने के लिए विशेष कमेटी बनाने का सुझाव भी दिया था। उन्होंने छात्रों को भी उस कमेटी का हिस्सा बनाने के लिए भी कहा था। आइआइटी निदेशक का कहना है कि छात्रों की समस्याओं को सुनने के लिए कांउसिलिंग कमेटी बनी है।

10 जनवरी की घटना के बाद कांउसिलिंग कमेटी में छह और लोगों को जोड़ा गया था। कमेटी में अब 12 लोग हैं। उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग की शोधार्थी प्रियंका जायसवाल की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

डीसीपी पश्चिम विजय ढुल ने बताया कि छात्रा के आत्महत्या के कारण के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उनका कहना है कि छात्रा के शव पर देखे जा सकने योग्य कोई चोट के निशान नहीं दिखे हैं। छात्रा के कमरे से मधुमेह और मल्टी विटामिन की गोलियां मिली हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours