तापमान हुआ कम…उमस ने निकाला दम, चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना…बादलों की आवाजाही तेज
मौसम विभाग के अनुसार, इस समय मौसमी गतिविधियां बढ़ गई हैं। असम, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान समेत विभिन्न इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसका प्रभाव यूपी के मौसम पर भी आएगा। बादलों की आवाजाही तेज होगी। 12 मई तक स्थानीय स्तर पर गरज-चमक के साथ बादल आएंगे।
कानपुर में बंगाल की खाड़ी से आ रहीं नम हवाओं ने तापमान तो कम कर दिया, लेकिन नमी बढ़ने से उमस बढ़ गई। वेट बल्ब तापमान होने की वजह से जितना तापमान था, उससे ज्यादा गर्मी शहरियों को लगी। लोग तपिश और उमस से बेहाल रहे।
सीएसए के मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि वेट बल्ब तापमान होने पर गर्मी दो से तीन डिग्री अधिक लगती है। पसीना जल्दी सूखता नहीं है। इससे गर्मी अधिक लगती है। ऐसा माहौल सेहत के लिए भी ठीक नहीं होता।
इस मौसम में हीट एग्जॉर्शन, डायरिया, गैस्ट्रोइंटाइटिस, वायरल संक्रमण आदि के रोगी बढ़ जाते हैं। सीएसए के मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इस समय राजस्थान के थार मरुस्थल से आने वाली गर्म पश्चिमी हवाएं बंद हैं।
माहौल में बढ़ गई है नमी
इस समय बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर पूर्वी हवाएं आ रही हैं। इससे माहौल में नमी बढ़ गई है। तापमान कम हो गया, लेकिन लोगों को गर्मी अधिक लग रही है। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान सामान्य औसत से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा है।
बना हुआ है चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र
इसके साथ ही रात का न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस सामान्य औसत से कम हो गया है। उन्होंने बताया कि इस समय मौसमी गतिविधियां बढ़ गई हैं। असम, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान समेत विभिन्न इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
इसका प्रभाव यूपी के मौसम पर भी आएगा। बादलों की आवाजाही तेज होगी। 12 मई तक स्थानीय स्तर पर गरज-चमक के साथ बादल आएंगे। धूल भरी आंधी चलेगी। इसके साथ ही बारिश की भी संभावना है। माहौल में उमस और बढ़ने के आसार हैं। इससे गर्मी परेशान करेगी।
उमस भरी गर्मी बढ़ने के साथ हीट एग्जॉर्शन के रोगी बढ़ गए हैं। गर्मी लगने से रोगियों के शरीर में पानी और नमक की कमी हो रही है। इसके अलावा हैलट की ओपीडी में डायरिया, गैस्ट्रोइंटाइटिस, वायरल संक्रमण आदि के रोगी आए। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के संचारी रोग अभियान के नोडल डॉ. बीपी प्रियदर्शी का कहना है कि इस मौसम में डायरिया और गैस्ट्रोइंटाटिस आदि के रोगी बढ़ते हैं। लोग गर्मी से बचाव करें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। पौष्टिक और सादा भोजन करें।
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