शहीद सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए उमरा जनसैलाब।

शहीद सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए उमरा जनसैलाब।
खीरों (रायबरेली)- देश की सेवा करते हुए खुद को समर्पित कर देने वाले में हवलदार के पद पर तैनात रामू यादव का शव गुरुवार को उसके पैतृक गांव बिंदाखेड़ा मजरे सेमरी पहुंचा। सेना के वाहन से अमर शहीद हवलदार रामू यादव का शव पैतृक गांव बिंदाखेड़ा पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। उसके अंतिम दर्शन के लिए आसपास के कई गांवों से जनसैलाब उमड़ पड़ा। तिरंगे में लिपटे अपने शहीद बेटे को देखकर उसकी मां, पिता और पत्नी अचेत होकर गिर पड़े। उसके साथ आए सैनिकों और अन्य परिजनों ने मां, पिता और पत्नी को ढांढस बंधाते हुए उन्हें संभाला । सभी ने अंतिम दर्शन कर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की। अमर शहीद हवलदार रामू यादव का पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्नाव जिले के बक्सर में गंगा तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिंदाखेड़ा मजरे सेमरी निवासी रामू यादव पुत्र छेदीलाल यादव वर्ष 2000 में इलाहाबाद से सेना में भर्ती हुए थे। नासिक के मुख्यालय में उन्होंने अपना प्रशिक्षण पूरा किया। वर्तमान में असम के नासिमपुर सिल्चर में हवलदार के पद पर तैनात थे। उनकी पत्नी सविता यादव अपनी पुत्री महिमा यादव और बेटे कृष्णा यादव के साथ इंदिरा नगर रायबरेली में रहते थे। वही बेटों की शिक्षा दीक्षा हो रही थी। बेटी कक्षा-8 और बेटा कक्षा-3 का छात्र था । पिता छेदीलाल यादव, माता राजरानी यादव पैतृक गांव बिंदाखेड़ा में रहते थे। जबकि उसके भाई राजेश यादव, बसंत यादव, राम बहादुर यादव और श्यामू यादव अलग-अलग शहरों में प्राइवेट नौकरी करते थे। मंगलवार को तड़के लगभग तीन बजे सेना मुख्यालय से पत्नी सविता यादव के पास फोन पर तबीयत खराब होने की सूचना मिली। जबकि भाई राजेश यादव को मुंबई में उसकी मौत की सूचना दी गई। मंगलवार की रात अचानक हवलदार रामू यादव की तबीयत खराब होने पर साथी सैनिकों ने उसे सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान तड़के तीन बजे उसकी जीवनलीला समाप्त हो गई। डॉक्टरों ने घटना का कारण हृदय गति रुकना बताया है। घटना की खबर घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया और गांव में मातम छा गया। गुरुवार को सेना के वाहन से तिरंगे में लिपटा हुआ अमर शहीद हवलदार रामू यादव का शव जब गांव पहुंचा तो उसके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। मां राजरानी यादव, पिता छेदीलाल यादव और पत्नी सविता यादव अचेत हो गए। वही तिरंगे में लिपटे हुए शहीद भाई रामू यादव को देखकर उसके भाई राजेश यादव बसंत यादव राम बहादुर यादव और श्यामू यादव विलखकर रो पड़े । सेना के जवानों और ग्रामीणों ने उन्हें ढांढस बांधते हुए संभाला । सभी ने अंतिम दर्शन कर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अमर शहीद हवलदार रामू यादव का पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्नाव जिले के बक्सर में गंगा तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके अंतिम दर्शन करने के लिए क्षेत्रीय विधायक राहुल लोधी, अनेक सैनिक तथा स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य तथा बड़ी संख्या में गणमान्य लोग भी पहुंचे और उन्होंने अमर शहीद रामू यादव को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।