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सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ सम्पन्न

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सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ सम्पन्न


खीरों (रायबरेली)- विकास क्षेत्र खीरों के गांव रनापुर पहरौली में  सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मथुरा के कथा व्यास पं० शिवम शुक्ला ने उपस्थित भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का माहात्म्य और पाप तथा ताप से मुक्ति पाकर मानव को मोक्ष प्राप्त करने की संगीतमय कथा सुनाई।
      कथा आरंभ करते हुए कथा व्यास पं० शिवम शुक्ला ने बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा प्रणाम से आरंभ होती है। प्रणाम का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। समर्पण भाव से भगवान को प्रणाम कर मनुष्य दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तापों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। भगवान के नाम का स्मरण और प्रणाम मनुष्य के पाप और ताप दोनों को नष्ट कर देता है । समर्पण भाव का संगीत में वर्णन करते हुए कथा व्यास ने सुनाया "हम तुम्हारे थे, प्रभु जी हम तुम्हारे हैं, हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रियतम"।। श्रीमद् भागवत कथा का माहात्म्य बताते हुए कथा व्यास ने बताया कि समस्त संसार के तीर्थ एक साथ मिलकर भी श्रीमद भागवत महापुराण की बराबरी नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि एक बार नैमिषारण्य की धरती पर 88 हजार ऋषियों ने सूतजी से भगवान की सास्वत प्राप्ति का उपाय पूछा। उन्होंने समस्त कथाओं का सार श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा सुना कर उन्हें कृतार्थ किया। राजा परीक्षित ने सुकदेव मुनि से यही सात दिवसीय श्रीमद् भगवत कथा सुनकर मोक्ष प्राप्त किया। अंत में कथा व्यास जी ने भक्ति और उसके दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य की कथा सुना कर कथा का अंत करते हुए भगवान शिव और विष्णु के एकाकार का संगीतमय वर्णन करते हुए सुनाया  "हरि हर एक है दोनों, न ये कम है न वो कम है, यह रहते छीर सागर में, वह रहते हैं हिमाचल में, ससुर घर दोनों रहते हैं न ये कम है न वो कम हैं"।। इसी तरह से देर रात तक उपस्थित महिला पुरुष भक्त ज्ञान गंगा में गोते लगाते रहे। इस अवसर पर धर्मेंद्र सिंह, पंकज सिंह, आसू सिंह, शुभम सिंह, कीतू सिंह, दुर्गाबक्स सिंह, प्रेम शंकर गुप्ता, रमाशंकर, रामप्रकाश सैनी, भारत सैनी, राम लखन सैनी आदि सहित काफी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे।

रिपोर्ट - राम मोहन