राजधानी लखनऊ में वेतन बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं यूपी की डायल 112 सेवा की महिला कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदर्शनकारी महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने हर्षिता कश्यप, पूजा सिंह, रीना शर्मा, मंजू सोनी और शशि पर नामजद तो 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर मार्ग बाधित करने, इमरर्जेंसी सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसके पहले मंगलवार को मुख्यालय पर धरना दे रहीं संवाद अधिकारियों को हटाने के लिए पुलिस मानवता भूल गई। रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि उनके वॉशरूम पर ताला भी लगा दिया। इसके बाद भी वे पूरी रात डटी रहीं और मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान उन्हें रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प हुई। करीब दो घंटे तक चली धक्कामुक्की और नोकझोंक के बाद पुलिस ने संवाद अधिकारियों को सड़क पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डेन भेज दिया। पुलिस के बल प्रयोग करने से एक महिलाकर्मी बेहोश हो गई। वहीं, एक गर्भवती की हालत बिगड़ गई, जबकि कई महिलाओं के चोटिल होने का भी आरोप लगा
डायल 112 की महिला कर्मी (संवाद अधिकारी) वेतन बढ़ाने, सेंटर संचालन का टेंडर पाने वाली नई सेवा प्रदाता कंपनी से नियुक्ति पत्र दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यालय के बाहर सोमवार दोपहर दो बजे से धरना दे रही थीं। प्रदर्शनकारी महिला कर्मियों ने बताया कि शशि सिंह, पूजा सिंह, हर्षिता, प्रतिभा मिश्रा, अंकिता मिश्रा, दीप शिखा वर्मा आदि ने बताया कि डायल-112 में करीब 300 महिला कर्मचारी तैनात हैं। इनको अभी 11800 रुपये वेतन मिल रहा है।
बीते सात साल में वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई। वहीं, अब टेक महिंद्रा कंपनी को बदल कर वी विन कंपनी को टेंडर दिया गया है। तीन नवंबर को वी विन कंपनी ने टेकओवर कर लिया, लेकिन अभी तक पुराने कर्मचारियों को ऑफर लेटर तक नहीं दिया, जबकि नई भर्ती शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि वेतन बढ़ा कर 18 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। जॉब को सुरक्षित किया आए और धरने को लेकर भविष्य में टारगेट न किया जाए।
+ There are no comments
Add yours