श्री मद भागवत कथा सुनकर भक्त हुए भाव-विभोर

1 min read

श्री मद भागवत कथा सुनकर भक्त भाव-विभोर हुए।

खीरों (रायबरेली ) — विकास क्षेत्र के गाँव सहजनवारी मजरे धुराई के मंगलेश्वर मन्दिर परिसर में सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया गया । कथा के पाचवे दिन सोमवार वाराणसी से पधारे ख्याति प्राप्त कथावाचक स्वामी महेश प्रबल जी महाराज ने भक्तों को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की मनमोहक झांकियो के साथ गोवर्धन पूजा से लेकर कंस वध तक की सुन्दर कथा सुनाई । कथा सुनकर भक्त भाव-विभोर हो गए ।


स्वामी प्रबल जी महाराज ने भक्तों को बताया कि सुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को श्री मद भागवत कथा में बाल कलाकारों द्वारा श्री कृष्ण जन्मोत्सव की मनमोहक झांकियो के साथ कथा सुनाते हुये कहा कि एक बार सभी वृजवासी इन्द्र की पूजा करने को तैयार हुये । तब श्री कृष्ण ने उन्हे गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा । ऐसा करने पर देवराज इन्द्र क्रोधित हो गए और उन्होने कहा कि “चींटा जब मरने लगता है , तो स्वयं पंख जम आते हैं । अभिमानी के सम्मुख मतवाले , मुझसे शत्रुता बढ़ाते हैं । इसलिए आज मैं भी उनको करनी का फल दिलवा दूंगा । उसके साथियों सहित उसको पत्तों की भांति बहा दूंगा ।। लगातार सात दिनों तक मूसलाधार बारिश होने के बावजूद वृज मण्डल पर कोई असर नहीं हुआ तो इन्द्र का घमंड चूर हो गया । उसने कृष्ण से क्षमा मांगी ।

तभी से गोवर्धन पूजा की जाने लगी । इसी क्रम में मथुरा के राजा कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अनेक उपाय किए । लेकिन सफल नहीं हुआ तो उसने एक धनुष यज्ञ का आयोजन कर अक्रूर जी के द्वारा श्री कृष्ण और बलराम को बुलाया ।

मथुरा पहुँचकर श्री कृष्ण और बलराम ने कुवलया पीड़ नामक हाथी का वध किया । चाडूर और मुष्टिक नामक राक्षसो को मार कर कंस का वध कर धरती के भार को पापियों से मुक्त कर दिया । महाराज उग्रसेन को मथुरा के राज सिंहासन पर बैठाकर धर्म का राज्य स्थापित किया । इस मौके पर धीरज पाण्डे (परीक्षित) देवदत्त शुक्ला , सूरज पाण्डे, मनोज कुशवाहा सुरेन्द्र , संतोष , राम मोहन , राम प्रसाद , , राम जी , विजय ,अनिलकुमार , जागेश्वर , गया प्रसाद सहित बड़ी संख्या में कई गाँवों के महिला-पुरुष भक्त मौजूद थे ।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours