मुख्य चिकित्साधिकारी ने टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान की की समीक्षा

1 min read

मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती ने शनिवार को रूधौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड प्रबंधन की तर्ज पर टीबी उन्मूलन अभियान को चलाया जाए। ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट की नीति को अपनाते हुए लक्षण के आधार पर लोगों की स्क्रीनिंग करें, उनकी जांच कराएं और टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल उनका उपचार शुरू करें। वहीं जिलों में चलाए जा रहे 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का विस्तार कर अब सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को चलाए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने बैठक के माध्यम से सभी स्वास्थय केंद्रो के प्रभारियों अन्य अधिकारियों से वह जुड़े रहने की बात कही है। सीएमओ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन पूरे देश के लिए उत्तर प्रदेश माडल बनकर उभरा था। जिसकी सराहना पूरे विश्व ने की थी। ऐसे में उसे ही आधार बनाकर टीबी उन्मूलन की दिशा में बढ़ा जाए। एनएनएम, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करें। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का जो लक्ष्य रखा गया है, उसे तेजी से पूरा किया जाए।

इसके अलावा सीएमओ ने कहा कि जिले के सभी जगहों पर दिसंबर माह से चल रहे 100 दिवसीय अभियान के परिणाम संतोषजनक हैं। जनभागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों, भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारियों, पूर्व कुलपतियों, धार्मिक नेताओं, जन प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों, उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, टीबी से ठीक हुए रोगियों यानी टीबी चैंपियनों, निक्षय मित्रों व निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

अभी कुछ इस दिन पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रूधौली में अस्पताल के दूसरी तरफ गेट खुल जाने से स्थानीय मेडिकल और पैथोलॉजी सेंटरो के संचालकों ने लगे हुए गेट का विरोध करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी का घेराव किया था। इसके बाद आनन फानन प्रभारी ने गेट को बंद करवाया था। आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बैठक के बाद लोगों ने शिकायत करते हुए कहा कि भविष्य में दोबारा किसी के कहने पर गेट न खोलने की बात कही क्योंकि इससे सभी दुकानदार प्रभावित हो जाएंगे। सीएमओ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा कि भविष्य में कोई गेट नहीं खोला जाएगा यदि कोई खोलता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्य योगी आदित्यनाथ के आदेश के क्रम में अस्पताल के बाहर की दवाई नहीं लिखी जाएगी यदि लिखी जाएगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। आपको बताते चलें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रूधौली में सभी तरह के मरीज के लिए दवाई उपलब्ध हैं कुल 160 तरह की दवाइयां व सभी तरह की जांच करने की सुविधा यहां पर उपलब्ध होने की बात कही है।


बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी के तारीफों की पुलिंदा बांधते हुए कहा कि अन्य अस्पतालों की अपेक्षा रुधौली स्वास्थ्य केंद्र की शिकायत कम मिलती है जिसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मी बधाई के पात्र हैं उन्होंने यह भी बताया कि कई प्राथमिक स्वास्थ्य केदो पर डॉक्टरों की तैनाती न होने की वजह से मरीज को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में शासन स्तर को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांग की है। आपको बताते चलें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुधौली के अंतर्गत कुल चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है जहां पर मात्र एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की तैनाती है वह भी अधिकतर अपना समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रूधौली में ही देते हैं। जिसको लेकर मरीज को अपने इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी में कोई डॉक्टर नहीं फार्मासिस्ट की बदौलत अस्पताल चल रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दयानगर में भी डॉक्टर ना होने से मरीज को अपने इलाज के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रत्येक रविवार को एक महिला डॉक्टर को मरीज के इलाज के लिए भेजा जाता है। एक अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुंगरहा में भी डॉ मौर्या व फार्मासिस्ट मरीज के इलाज करते नजर आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व बिजलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की शिकायत तहसील समाधान दिवस में की गई थी जिसको लेकर अभी तक शासन की मनसा के अनुरूप कोई डॉक्टर की तैनाती नहीं हुई है।

अजय यादव पत्रकार बस्ती

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours