दूसरी जाति में प्रेमविवाह से नाराज, पिता-पुत्र ने की बेटी की हत्या

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पिता-पुत्र ने की थी बेटी के पति की हत्या, दूसरी जाति में प्रेमविवाह करने से थे नाराज, पांच आरोपी गिरफ्तार
चकरपुर में दूसरी जाति में प्रेमविवाह करने से नाराज पिता-पुत्र ने बेटी के पति की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी पिता-पुत्र समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि फरार दो आरोपियों की तलाश जारी है।
कानपुर के चकरपुर में 18 मई को मृत मिले सचेंडी के कन्हई गांव निवासी अजय कमल (22) की हत्या का खुलासा हो गया है।उसके ससुर और साले ने ही पड़ोसियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। दूसरी जाति के अजय से बेटी के प्रेमविवाह कर लेने से ये लोग नाराज थे। इसके चलते ही साजिश के तहत अजय का वैन से अपहरण किया, फिर अंगौछे से गला कसकर मार डाला था। इसके बाद शव चकरपुर में फेंक दिया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी पिता-पुत्र समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दो आरोपी अभी फरार हैं।
डीसीपी वेस्ट विजय ढुल ने बताया कि कन्हई गांव निवासी अजय कमल के घर के सामने ही रहने वाले राजबहादुर की बेटी आकृति उर्फ लकी से प्रेम संबंध थे। अजय और आकृति की जाति अलग-अलग थी। इसके चलते दोनों की शादी नहीं हो सकी थी। पिछले साल 17 मई को आकृति का विवाह रनियां में कर दिया गया था। चार दिन बाद चौथी पर आकृति मायके आई तो मौका पाकर अजय के साथ चली गई थी। इस पर आकृति के पिता राजबहादुर ने अजय समेत दो लोगों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।


सर्विलांस की मदद से पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने दोनों को पकड़ा तो आकृति ने अपनी मर्जी से अजय के साथ जाने की बात कही। बाद में दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली थी। इसके बाद गांव छोड़कर चकरपुर में किराये पर रहने लगे थे। इधर, राजकुमार बेटी के इस कदम से खुद को समाज में अपमानित महसूस करने लगा था। इसके चलते बेटे और पड़ोसियों की मदद से अजय की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से राजबहादुर, उसके बेटे शरद, महावीर उर्फ नन्हे, सत्यम उर्फ अमन और मीना को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी के मुताबिक राजबहादुर ने बताया कि बेटी से प्रेमविवाह करने के बाद अजय के परिवार वाले उस पर तंज कसने लगे थे। समाज में भी वह अपमानित महसूस करने लगा था। बेटी को वापस बुलाने के लिए उसने पूजा-पाठ का भी सहारा लिया, लेकिन वह घर नहीं लौटी। इस बीच आकृति की मां लालती देवी ने पड़ोसन मीना को पूरी बात बताई। मीना ने उन्हें महावीर उर्फ नन्हे से मिलवाया। इसके बाद सभी ने मिलकर अजय की हत्या की साजिश रची।
रुपयों के लालच में नन्हे बन गया मुखबिर, इसी ने दी थी अजय की लोकेशन
एक आरोपी नन्हे को पत्नी के इलाज के लिए 50 हजार रुपयों की जरूरत थी। इसका फायदा उठाकर राजबहादुर ने उसे अपनी साजिश में शामिल किया। 20 हजार रुपये देकर नौ मई को नन्हे को भैलामऊ में अजय के पड़ोस में कमरा दिलवाया। साजिश के तहत नन्हे ने अजय से दोस्ती भी कर ली। 13 मई से 17 मई के बीच नन्हे, अजय कमल व उसके बहनोई सुरजीत ने साथ बैठकर शराब भी पी, जिसका खर्चा नन्हे ने उठाया। 17 मई की शाम छह बजे नन्हे ने राजबहादुर के बेटे शरद को फोन कर बताया कि अजय किसाननगर फैक्ट्री रेलवे पुल के पास है। इसके बाद शरद और सत्यम एक वैन से पहुंचे और अजय को वैन में डालकर ले गए। इसके बाद हत्या कर शव फेंक दिया।
नौ पर हुई थी रिपोर्ट, पुलिस को सात की मिली भूमिका
शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम में अजय की हत्या की पुष्टि होने के बाद पिता कन्हई कमल ने राजबहादुर, अमन, पवन, धर्मेन्द्र, महावीर, सत्या, लालती देवी, मीना देवी समेत नौ पर हत्या के खिलाफ हत्या, एससीएसटी आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अभी तक की जांच में पुलिस ने सात को ही दोषी माना है। इनमें महाराजपुर के डोमनपुर निवासी महावीर उर्फ नन्हे, सचेंडी के भिसार निवासी राजबहादुर, उसके बेटे शरद, सत्यम उर्फ अमन व मीना को गिरफ्तार कर लिया है। वैन चालक और मृतक की सास लालती फरार हैं।
खुलासा करने वाली टीम को पुरस्कार
खुलासा करने वाली टीम में शामिल सचेंडी थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर जसवंत सिंह, एसआई संदीप कुमार, अजीत सिंह, दीपक श्रीवास, कांस्टेबल मनोज कुमार, अंकित कुमार, महिला कांस्टेबल सावित्री पटेल, अंदारा पटेल को 25 हजार का इनाम भी दिया गया है।

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