कानपुर से आलोक मिश्रा होंगे कांग्रेस के प्रत्याशी

Estimated read time 0 min read

कानपुर से आलोक मिश्रा होंगे कांग्रेस के प्रत्याशी, संगठन के बड़े पदाधिकारी ने की पुष्टि, आधिकारिक घोषणा आज
महानगर सीट पर 28 साल बाद कांग्रेस ने किसी ब्राह्मण को प्रत्याशी बनाया है। आलोक मिश्रा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। 1984 में नरेशचंद्र चतुर्वेदी ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए थे और उन्हें जीत भी हासिल हुई थी।
कानपुर में कांग्रेस पार्टी ने कई दिनों के मंथन के बाद महानगर सीट से ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में आलोक मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पार्टी की ओर से उनके नाम को हरी झंडी भी दे दी गई है। संगठन के बड़े पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि भी की है। कहा जा रहा कि आधिकारिक लिस्ट शुक्रवार को जारी होगी। कांग्रेस ने महानगर सीट पर 28 साल बाद किसी ब्राह्मण को प्रत्याशी बनाया है। आलोक मिश्रा का यह पहला लोकसभा चुनाव होगा।
इससे पहले वह दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार 2002 में कल्याणपुर विधानसभा सीट से लड़े थे। तब उन्हें 43000 वोट मिले थे। इसी तरह 2007 में इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 25000 वोट पाए थे। इसके बाद 2017 के नगर निकाय चुनाव में मेयर पद के लिए उनकी पत्नी वंदना मिश्रा चुनाव मैदान में उतरी थीं। भाजपा के खिलाफ उन्हें कुल दो लाख 91 हजार 591 वोट मिले और दूसरे नंबर पर रहीं। कांग्रेस पार्टी की ओर से महानगर सीट पर पिछले कई दिनों से प्रत्याशी उतारने को लेकर रस्साकशी चल रही थी।

1984 में नरेशचंद्र चतुर्वेदी ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए थे और उन्हें जीत भी हासिल हुई थी। इसके बाद अभी तक कोई भी ब्राह्मण नेता कांग्रेस की सीट से सांसद नहीं बन पाया। नरेशचंद्र चतुर्वेदी के बाद भूधर नारायण मिश्र को कांग्रेस ने लोकसभा का टिकट जरूर दिया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद श्रीप्रकाश जायसवाल को पार्टी ने वैश्य बिरादरी के रूप में प्रत्याशी बनाया। श्रीप्रकाश पहली बार लोकसभा का अपना चुनाव हार गए, लेकिन उसके बाद लगातार तीन बार सांसद बने। 2014 से महानगर सीट पर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा चुनाव जीतने का क्रम फिर से टूट गया। कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर नया प्रयोग किया है।
अजय के जाने के बाद आलोक पर केंद्रित हो गया था ध्यान
करीब 10 दिन पहले तक चर्चा थी कि महानगर सीट से श्रीप्रकाश के बाद उनकी भरपाई पार्टी के बड़े नेता अजय कपूर कर सकते हैं, लेकिन अचानक से उनके भाजपा में जाने के बाद पार्टी ने आलोक मिश्रा पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया। वैसे लोकसभा चुनाव घोषित होने से काफी पहले से ही आलोक मिश्रा ने महानगर लोकसभा क्षेत्र में अपनी चुनावी गतिविधियां शुरू कर दी थीं। बृहस्पतिवार शाम के समय जब हाई कमान की ओर से उनके नाम पर हरी झंडी दी गई तो प्रदेश से लेकर जिला कांग्रेस के अंदर गतिविधियां तेज हो गईं। बताया जाता है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय नेताओं की ओर से फोन पर आलोक मिश्रा और जिला अध्यक्ष नौशाद आलम को भी प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर लगने की बधाई दे दी गई।
आलोक के चयन की दो बड़ी वजह
कांग्रेस इस बार महानगर सीट से किसी ब्राह्मण को ही प्रत्याशी बनाना चाहती थी।
मेयर चुनाव में पत्नी वंदना मिश्रा ने भाजपा प्रत्याशी को अच्छी टक्कर दी थी।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours