आरडीएसओ में 67वीं पुलिस ड्यूटी मीट को लेकर आयोजित हुई प्रेसवार्ता

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ट्रेनों में गश्त के दौरान आरपीएफ के पास एके-47 राइफल होती थी। अब उसके पास यह राइफल नहीं होगी। सारनाथ एक्सप्रेस में हुई घटना के बाद यह फैसला लिया गया है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में सारनाथ एक्सप्रेस में आरपीएफ जवान की राइफल से चली गोली से उसकी मौत व यात्री के घायल होने के मामले को आरपीएफ ने गंभीरता से लिया है। ऐसे में यह तय किया गया है कि सिर्फ नक्सल प्रभावित इलाकों में ट्रेनों में एस्कॉर्ट के लिए आरपीएफ जवानों को एके-47 दी जाएगी। अन्य इलाकों में उन्हें छोटे हथियार दिए जाएंगे।


यह जानकारी रविवार को आरपीएफ महानिदेशक मनोज यादव ने दी। वह आरडीएसओ में 67वीं पुलिस ड्यूटी मीट को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता के बाद सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि यह मामला लापरवाही है, साथ ही ट्रेनिंग की विफलता का भी है। हथियार के रखरखाव में जवान ने लापरवाही बरती, जिससे हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे दोबार न हों, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हथियारों के रखरखाव में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई भी की जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हथियारों के जारी करने की पॉलिसी के लिए कमेटी बनी, जिसकी संस्तुतियों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरपीएफ जवानों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाए जा रहे हैं। इसके लिए जोनल रेलवे मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की मदद लेंगे। महानिदेशक ने बताया कि देशभर के अपराधियों के फिंगरप्रिंट्स, आंखों के रेटिना आदि का डाटा बनाया जा रहा है। इससे एक क्लिक पर उनकी पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी। वहीं अपराधियों की पहचान के लिए एक्ट भी बना है। इससे पुलिसिंग और भी बेहतर हो जाएगी

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