अक्षय कुमार की फिल्म रानीगंज ने दर्शकों के दिलों को छुआ

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Exclusive: ‘बेटा, मैं करंसी पर ऑटोग्राफ नहीं देता’, दिल को छू गई अक्षय कुमार की बात, ‘मिशन रानीगंज’ बन गई खास
अक्षय कुमार की फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ रिलीज हो गई है. रियल इंसीडेंट पर आधारित ​इस फिल्म में अक्षय ने इंजीनियर ‘जसवंत सिंह गिल’ का किरदार निभाया है. फिल्म में यंग एक्टर गौरव प्रतीक भी अहम किरदार निभा रहे हैं.
अक्षय कुमार की कुछ बातें हैं जो उनके करीब रहने वाले लोग ही जान पाते हैं. अक्षय के व्यक्तित्व की कुछ ऐसी ही बातें न्यूकमर एक्टर गौरव प्रतीक को जानने को मिली. गौरव ने फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ में अक्षय के साथ खास काम किया है और यह उनके करियर का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. गौरव रीयल इंसीडेंट पर बनी इस फिल्म को लेकर काफी खुश है.

AKSHAY KUMAR : IMAGE SOURCE INTERNET

अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली ‘मिशन रानीगंज’ हिस्टोरिकल थ्रिलर ड्रामा है. वेस्ट बंगाल में कोयले की एक खदान 1989 में गिर गई थी. यह फिल्म इसी घटना पर आधारित है. फिल्म की कहानी आईआईटी धनबाद के इंजीनियर जसवंत सिंह गिल पर है, जिन्होंने करीब 65 लोगों की जान बचाई थी. टीनू सुरेश देसाई ने इस फिल्म का निर्देशन किया है और इसमें अक्षय की पत्नी के किरदार में परिणीति चोपड़ा हैं. फिल्म में गौरव ने ‘दिवाकर’ का किरदार निभाया है, जो हमेशा अक्षय के साथ रहते हैं.
गौरव प्रतीक मूल रूप से रीवा, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं. बचपन से ही उन्हें कल्चरल इवेंट्स में हिस्सा लेने का शौक था. धीरे-धीरे उनका रुझान एक्टिंग की तरफ होने लगा और उन्होंने मुंबई का रुख किया. टीवी शोज और कुछ फिल्में करने के बाद अब गौरव को ‘मिशन रानीगंज’ में ब्रेक मिला है और यह उनके लिए काफी खास है. अक्षय के साथ काम करने को लेकर उनका कहना था, ‘मैंने अक्षय सर को फिल्म ‘मोहरा’ में देखा था और कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उनके साथ स्क्रीन शेयर करूंगा. अक्षय सर सेट पर बहुत कूल रहते हैं और अक्सर यूनिट के साथ आकर बैठ जाया करते थे. वे अपने सभी साथी कलाकारों को कम्फर्ट फील करवाते हैं.’
करंसी पर मांगा था ऑटोग्राफ
शूटिंग के दिनों का एक किस्सा गौरव ने साझा किया. उनके अनुसार, ‘हम सभी एक दफा क्रिकेट खेल रहे थे तो अक्षय सर ने कहा था, जो मुझे आउट करेगा उसे 10 पाउंड मिलेंगे. मुझे इस तरह 30 पाउंड मिले और जब अक्षय सर ने मुझे प्राइज दिया तो वह बहुत खास पल था. मैंने उनसे करंसी नोट पर ऑटोग्राफ देने के लिए कहा. तब उन्होंने मुझसे कहा बेटा, मैं करंसी नोट पर साइन नहीं करूंगा, तुम किसी और पर ले लेना. मुझे उनकी यह बात काफी अच्छी लगी क्योंकि उनके मन में हर करंसी के लिए सम्मान था और कायदे से वे सही थे.’

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