भाजपा की जोरदार घेरेबंदी के बावजूद रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा

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UP में पांचवा चरण: कम मार्जिन वाली सीटों पर पक्ष-विपक्ष में होगी असली जंग, 14 में से 13 सीटों पर BJP का कब्जा
पिछले चुनाव में भाजपा की जोरदार घेरेबंदी के बावजूद रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया था, लेकिन इस बार वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। कम मार्जिन वाली सीटों मोहनलालगंज, अमेठी, फैजाबाद, बांदा और कौशांबी में भगवा खेमा एड़ी चोटी का जोर लगाए है।
चौथे चरण का चुनाव संपन्न होने के साथ ही अब पांचवें चरण की चौसर बिछ गई है। इस चरण की सीटों पर पक्ष और विपक्ष के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। खास कर कम मार्जिन वाली सीटों पर कड़ी टक्कर होगी। पिछले चुनाव में पांचवें चरण की 14 सीटों में 13 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
पिछले चुनाव में भाजपा की जोरदार घेरेबंदी के बावजूद रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया था, लेकिन इस बार वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। कम मार्जिन वाली सीटों मोहनलालगंज, अमेठी, फैजाबाद, बांदा और कौशांबी में भगवा खेमा एड़ी चोटी का जोर लगाए है। इस चरण की 14 लोकसभा सीटों में 71 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 41 सीटों पर भाजपा का और 30 सीटों पर विपक्ष का कब्जा है। इसलिए लड़ाई अपेक्षाकृत कठिन होने के आसार हैं।


इन 5 सीटों पर कम अंतर से जीती थी भाजपा
सीट वोट का अंतर
मोहनलालगंज 90204
अमेठी 55120
फैजाबाद 65477
बांदा 58938
कौशांबी 38722
मतदान प्रतिशत बढ़ाना ही विकल्प
माना जा रहा है कि यदि पिछले चरणों की तरह पांचवें चरण में भी मतदान प्रतिशत में गिरावट रही तो इसका भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए भाजपा के सामने मतदान बढ़ाना ही एक ऐसा विकल्प है, जिसके जरिए कम अंतर वाली सीटों पर कब्जा बरकरार रखा जा सकता है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने वोट प्रतिशत बढ़ाकर ही इन सीटों पर जीत दर्ज की थी।

2009 में सपा, बसपा ले चुकी है लाभ
2009 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि उस चुनाव में मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा है। इसका असर कई सीटों पर पड़ा। जिसका लाभ सपा, बसपा और कांग्रेस को मिला था। उस चुनाव में कई सीटों पर सपा ने बाजी मारी थी। अपनी परंपरागत सीट रायबरेली और अमेठी पर कब्जा बरकार रखने के साथ कांग्रेस ने भी फैजाबाद, गोंडा, बाराबंकी और झांसी में जीत दर्ज कर ली थी। वहीं, बसपा के खाते में हमीरपुर लोकसभा सीट गई थी।
बसपा ने भी कमर कसी
पांचवें चरण में बसपा को भी ने भी सुरक्षित सीटों से बड़ी आस है। उसे मोहनलालगंज, हमीरपुर, बांदा, जालौन और बाराबंकी में त्रिकोणीय मुकाबला होने पर फायदा मिलने की उम्मीद है। इसी वजह से पार्टी ने इन सीटों पर प्रत्याशी चयन में अपने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले का बखूबी इस्तेमाल किया है। इसी के तहत पार्टी ने गोंडा, कैसरगंज, फैजाबाद, हमीरपुर में ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा के बीच इन सीटों का बंटवारा हुआ था। सपा के हिस्से में लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, कौशांबी, झांसी, गोंडा, बांदा सीटें आईं थीं, जबकि बसपा ने फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, मोहनलालगंज, कैसरगंज में चुनाव लड़ा था। अमेठी और रायबरेली सीट पर गठबंधन ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था। बसपा भले ही इन सीटों पर फतह हासिल नहीं कर सकी थी, लेकिन उसके प्रत्याशियों ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी। इस बार बसपा इन सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है।

मायावती ने संभाली कमान
पांचवें चरण की सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुद प्रचार की कमान अपने हाथाें में ली है। मायावती ने सोमवार को लखनऊ में जनसभा की। जल्द उनकी जालौन, कैसरगंज, रायबरेली में भी सभाएं होंगी

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