गर्भवती पत्नी के इलाज को एक माह से छुट्टी मांग रहा था सिपाही, बीवी और नवजात की मौत पर मिला अवकाश

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संवेदनहीनता: गर्भवती पत्नी के इलाज को एक माह से छुट्टी मांग रहा था सिपाही, बीवी और नवजात की मौत पर मिला अवकाश
प्रसव की तिथि नजदीक होने पर सिपाही विकास एक माह से रामपुरा थाना प्रभारी से गर्भवती पत्नी के प्रसव का हवाला देते हुए अवकाश मांग रहा था, उसने चार बार लिखित रूप से छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दिए, मगर उसे अवकाश नहीं दिया गया।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रामपुरा थाना प्रभारी की मनमानी के चलते सिपाही विकास का परिवार उजड़ गया। गर्भवती पत्नी के इलाज के लिए एक माह से छुट्टी मांग रहे सिपाही को एक माह का अवकाश तब दिया, जब इलाज के दौरान उसकी पत्नी व नवजात बेटी की मौत हो गई। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हमदर्दी जताने के लिए थाना प्रभारी अपनी गाड़ी से सिपाही को उसके गृह जनपद मैनपुरी ले गए, जहां नवजात बेटी व पत्नी को मृत देखकर वह बेहोश होकर गिर पड़ा


2018 बैच के मैनपुरी जिले के कुरावली थाना क्षेत्र के बेलाहार निवासी सिपाही विकास निर्मल की तैनाती रामपुरा थाने में है। उसकी पत्नी ज्योति मुंबई में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में कांस्टेबल थीं। पत्नी गर्भवती होने के चलते इन दिनों गांव में परिजनों संग रह रही थी। प्रसव की तिथि नजदीक होने पर विकास एक माह से रामपुरा थाना प्रभारी से गर्भवती पत्नी के प्रसव का हवाला देते अवकाश मांग रहा था, उसने चार बार लिखित रूप से छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दिए, मगर उसे अवकाश नहीं दिया।
शनिवार को तबीयत बिगड़ने पर विकास की पत्नी और नवजात बच्ची की मौत हो गई। घर से सूचना मिलने पर विकास थाने में दहाड़ मारकर रोने लगा और उच्चाधिकारियों को यह जानकारी दी। इसके बाद पर हमदर्दी दिखाने के लिए प्रभारी अपनी गाड़ी से विकास को उसके गांव ले गए, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
जांच में दोषी मिले थाना प्रभारी, होगी कार्रवाई
सिपाही की पत्नी व नवजात बच्ची की मौत के बाद मामला तूल पकड़ते देख उच्चाधिकारियों को यह जानकारी हुई तो विभाग में खलबली मच गई। पूरे प्रकरण की जांच में पाया गया कि सिपाही ने थाना प्रभारी अर्जुन सिंह से छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन थाना प्रभारी ने उसके प्रार्थना पत्र को अग्रसारित नहीं किया। एएसपी असीम चौधरी का कहना है कि मामले थाना प्रभारी को दोषी पाया गया है। विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वैसे विकास बीच-बीच में 25 दिन की छुट्टी ले चुका था।

सोशल मीडिया पर लिखा, मुझे माफ करना
घटना की जानकारी पर बदहवास विकास ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुझे माफ करना मैं कुछ नहीं कर पाया। यह जिसने भी देखा वह अपने आंसू नहीं रोक पाया। फिलहाल सिपाही के घर पर मातम पसरा है। वहीं उसके साथी सिपाहियों का कहना है कि विकास के साथ गलत हुआ है। सीनियर अधिकारी अपने पद का गलत फायदा उठाते हैं।
एसपी ने जारी किया आदेश
एसपी डॉ. ईरज राजा ने रविवार को एक पत्र जारी किया। इसमें लिखा कि सीओ, एसओ किसी भी सिपाही को छुट्टी देने के लिए अनावश्यक रूप से परेशान न करें। 10 से 12 बजे तक प्रार्थना पत्र थाना प्रभारी व क्षेत्राधिकारी कार्यालय तक पहुंचाएं और क्षेत्राधिकारी शाम 6 बजे तक संस्तुति के साथ उसे आगे भिजवाएं। यदि शाम 6 बजे तक थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी प्रार्थना पत्र को अग्रसारित नहीं करते हैं तो उसे स्वयं ही अग्रसारित माना जाएगा, साथ ही इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।
एक माह का अवकाश अब किस काम का
पत्नी को बेहतर इलाज के लिए विकास स्टेशन अफसर के सामने गिड़गिड़ाते रहे पर उसे मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी गई। अब विभाग ने उन्हें पत्नी और नवजात की मौत के बाद एक माह की छुट्टी दे दी है। सिपाही विकास ने बताया कि पिछले दिनों ज्योति ठीक थी, लेकिन नौवां महीना शुरू होने पर वह आने के लिए कह रही थी, तभी से वह थाना प्रभारी को अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र दे रहा था, लेकिन वह प्रार्थना पत्र को अग्रसारित नहीं करते थे।
आगरा ले जाते समय राते में जच्चा-बच्चा की मौत
शुक्रवार को जब पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने उसे जानकारी दी। उसने थाना प्रभारी से छुट्टी मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। परिजन ज्योति को लेकर कुरावली सीएचसी पहुंचे। वहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया, बाद में दोनों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मैनपुरी रेफर कर दिया। परिजन मैनपुरी ले गए, वहां गंभीर हालत होने पर आगरा के लिए रेफर कर दिया। आगरा ले जाते समय रास्ते में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। यह जानकारी होने पर एसपी ने विकास का एक माह का अवकाश स्वीकृत कर दिया।

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