जातिगत जनगणना जनवरी 2027 से क्यों,2026 से क्यों नहीं?

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जातिगत जनगणना जनवरी 2027 से क्यों,2026 से क्यों नहीं?

मंडल कमीशन विरोधी भाजपा कभी नहीं हो सकती पिछड़ावर्ग की हितैषी-लौटनराम निषाद

सुल्तानपुर – लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र के कोइरीपुर, सिहौली, बैतीकलां,पठानीपुर कमैचा, छतौना कलां, शिवपुर, सफीपुर में जनसंपर्क कर पीडीए को मजबूत करने की अपील किया गया।लम्भुआ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शिवपुर में लालमणि निषाद के संयोजकत्व व उमेश निषाद की व बैतीकलां में डॉ. एम के मौर्य की अध्यक्षता में पीडीए जनचौपाल का आयोजन किया गया।बतौर मुख्य अतिथि पीडीए जनचौपाल को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि विधानसभा चुनाव-2027 में सपा की लड़ाई 10 बनाम 90 की है।उन्होंने कहा की सपा सरकार ने निषाद समाज कोतालाबों,
मीनाशयों,पोखरों का 10 वर्षीय मत्स्य पालन पट्टा व बालू-मोरम खनन का 3 वर्षीय पट्टा का शासनादेश बनाया,5 लाख मछुआ दुर्घटना बीमा शुरू किया।निषाद समुदाय को मान-सम्मान व पहचान देने के लिए 5 अप्रैल को निषादराज जयंती का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था,इन सभी को योगी सरकार ने खत्म कर दिया।उन्होंने कहा संजय निषाद अब मत्स्याखेट व शिकारमाही के लिए गंगा आदि नदियों की नीलामी का शासनादेश बनवाया।

योगी सरकार ने निषाद, कश्यप,मल्लाह,केवट,राजभर, बिन्द,धीवर,मांझी,गोङिया,कहार, कुम्हार, प्रजापति आदि 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण प्रस्ताव को निरस्त कर वादाखिलाफी किया है।उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी संजय निषाद एंड फेमिली की प्रा.लि.सौदेबाज कम्पनी है।निषाद समाज का सम्मान व अधिकार सपा के साथ ही सुरक्षित है।
पीडीए जनचौपाल को सम्बोधित करते हुए निषाद ने कहा कि आरआरएस-भाजपा धार्मिक व जातीय नफरत पैदा कर पीडीए को कमजोर करने करने का षडयंत्र करती आ रही है।यादव-गैरयादव के बीच मतभेद पैदाकर व हिन्दू-
मुस्लिम कर अतिपिछङों व अतिदलितों के वोट से सरकार बनाने के बाद ओबीसी,एससी की की हकमारी शुरू कर दिया।उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव के समय भाजपा को पिछले दलित आदिवासी हिन्दु दिखते हैं,और जब सरकार बन जाति है तो उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली व केन्द्रीय आरक्षण नियमावली का अनुपालन न कर ओबीसी,एससी,एसटी का प्रतिनिधित्व रोकने का षडयंत्र किया जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जनवरी 2027 में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत सही होती तो 2026 में जनगणना का काम शुरू करा देती, पर उसकी नियत में खोट है।भाजपा सरकार पिछड़ों दलितों को झूठा झांसा देकर सिर्फ 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव व 2029 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।उन्होंने कहा जनवरी से मार्च 2027 तक यूपी विधानसभा चुनाव की गहमागहमी रहेगी तो ऐसे में जनगणना की कार्यवाही कैसे सम्भव है?भाजपा की मंशा पिछड़ों के प्रति बिल्कुल ठीक नहीं है, उसने पहलगाम आतंकी हमले में पूरी तरह से घिर जाने पर डैमेज कंट्रोल व जवाबदेही से बचने के लिए जनगणना का मुद्दा उछाल दिया।


निषाद ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने का निर्णय इण्डिया गठबन्धन और सपा के पीडीए की जीत है।उन्होंने कहा कि नीतिगत फैसला लेने व जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए जातिगत जनगणना संवैधानिक मुद्दा है।संविधान के अनुच्छेद-246 के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा हर दशवें वर्ष जातिगत आंकडे इकट्ठा करने के लिए जातिवाद जनगणना कराना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन विरोधी भाजपा कभी वंचित वर्ग की हितैषी नहीं हो सकती।यह तो आपदा में अवसर व राजनीतिक हित की ही तलाश करती है।
निषाद ने कहा कि भाजपा-आरएसएस ने दुष्प्रचार किया कि अतिपिछङी जातियों का अधिकार यादवों ने लूट लिया।झूठा प्रचार कर यादव-गैरयादव,
पिछङा-अतिपिछङा में भेदभाव व नफरत पैदा किया।उन्होंने कहा कि सामाजिक तधरक्की व विकास के लिए यादव समाज से ईर्ष्या नहीं प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है।जो पढ़ेगा, वही बढ़ेगा,जिस समाज ने शिक्षा को गले लगाया,वह विकास कर गया और जिसने मेहनत की कमाई को फिजूलखर्ची में बर्बाद किया,वह बर्बादी व पिछड़ेपन का शिकार हो गया।अपनी मेहनत की बदौलत ही प्रतिकूल समय में अपनी मेहनत,
आत्मविश्वास, दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति की बदौलत 8854 यादव समाज के बेटे-बेटियां पुलिस में भर्ती हो गये और यूपीएससी के 1009 पद में 101 यादव चयनीत हो गये।
पीडीए जनचौपाल को डॉ. मनीराम मौर्य, राजेन्द्र प्रसाद मौर्या, मुकेश मौर्य, रमाशंकर मौर्य, अशोक कुमार निषाद, उमेश निषाद, रोहित कुमार माली, सियाराम चौरसिया, डॉ. आरपी प्रजापति, डॉ. प्रीति मौर्या, दिनेश निषाद, लालमणि निषाद कविता वर्मा आदि ने सम्बोधित किया।

रिपोर्ट. जिला संवाददाता. अनुराग शर्मा

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