शिव विवाह की मनमोहक झांकियो के साथ बाबा मंगलेश्वर मन्दिर में चौथे दिन श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हुआ संपन्न

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शिव विवाह की मनमोहक झांकियो के साथ बाबा मंगलेश्वर मन्दिर में चौथे दिन श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हुआ संपन्न।

खीरों (रायबरेली ) विकास क्षेत्र के गाँव सहजनवारी मजरे धुराई के बाबा मंगलेश्वर मन्दिर परिसर में विगत चार दिन से चल रही सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा के आयोजन में कथा के चौथे दिन रविवार को वाराणसी से पधारे ख्याति प्राप्त कथावाचक स्वामी महेश प्रबल जी महाराज ने मौजूद भक्तों को कथा के माध्यम से ज्ञान गंगा प्रवाह में गोते लगवाये । और साथ ही बाल कलाकारों द्वारा शिव विवाह की मनमोहक झांकियो की प्रस्तुति देखकर भक्ति भाव विभोर हुए।

बाल कलाकार

प्रबल जी महाराज ने मौजूद भक्तों को चौथे दिन की कथा में बताया कि सुकदेव मुनि राजा परीक्षित को श्री मद भागवत की कथा सुनाते हुये कहा कि राजा दक्ष की पुत्री सती के साथ शिव जी का विवाह उआ । एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया । जिसमें तीनों लोकों में सभी को आमंत्रित किया । लेकिन शिव जी को आमंत्रित नहीं किया । सती जी ने पिता के यज्ञ में जाने की जिद की तों शिव जी ने कहा कि बिना बुलाये कहीं भी जाने से मान नहीं होता है । लेकिन सती ने जिद की तो शिव जी ने उन्हे अनुमति दे दी । राजा दक्षप्रजापति के यज्ञ में पहुँचकर उन्होने शिव जी का भाग नहीं लगा देखा । यहाँ तक कि उनके पिता ने सती का अपमान भी किया । जिससे क्रोधित होकर सती ने योगाग्नि में अपने प्राण त्याग दिये ।

शिव के गणों ने राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया । शिव जी सती के शव को लेकर तीनों लोको में घूमने लगे । विष्णु ने देवताओं की प्रार्थना पर सुदर्शन चक्र से सती के शव के टुकड़े कर दिये । सती के अंग जहां-जहां गिरे वही सिद्ध पीठ बन गए । आज भी संसार में जिनकी पूजा की जाती है । कथावाचक ने इसी तरह सुन्दर कथा के साथ ही बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई शिव विवाह की झांकियो को देखकर सभी भक्तों को भाव विभोर कर दिया । इस मौके पर देवदत्त शुक्ला , धीरज पाण्डे (परीक्षित) सुरेन्द्र , संतोष , राम मोहन , राम प्रसाद , मनोज , राम जी , विजय ,अनिलकुमार , जागेश्वर , गया प्रसाद व बाल कलाकार सहित बड़ी संख्या में कई गाँवों के महिला-पुरुष भक्त मौजूद थे

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