सुल्तानपुर। दूबेपुर में मेडिकल कॉलेज के बगल में पांच दिन पहले मिले विक्रांत वर्मा के शव के मामले में पुलिस ने आखिरकार हत्या का मुकदमा दर्ज कर ही लिया। हत्या की घटना के बाद से परिजन करीब चार बार तहरीर दिए लेकिन पुलिस इसे हत्या मानने को तैयार ही नहीं थी।
दूबेपुर में मेडिकल कॉलेज के निकट अपने फार्महाउस पर 17 जनवरी की सुबह विक्रांत वर्मा (24) का जला हुआ शव मिला था। पिता रमेश वर्मा के मुताबिक विक्रांत 15 जनवरी की रात लगभग 10 बजे दिल्ली से घर आया था। अगले दिन शाम लगभग छह बजे वह घर से फार्म हाउस पर गया था।
रात दस बजे के बाद से उसका फोन भी नहीं उठ रहा था। 17 जनवरी को उसका शव मिला था जो बुरी तरह से जला हुआ था। उस समय पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या या दुर्घटना से जोड़ने की कोशिश की थी। किंतु अमर उजाला ने मौके के हालात के अनुसार हत्या की आशंका जताई थी।
उसके बाद से परिवार लगातार हत्या का केस दर्ज कराने का प्रयास कर रहा था किंतु पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही थी जबकि इस मामले में विधायक सीताराम वर्मा और विधायक विनोद सिंह ने भी पुलिस को निर्देशित किया था।
अंतत: पिता ने जब पुलिस अधीक्षक से इस मामले की शिकायत की तो कोतवाली देहात में अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ। देहात कोतवाल श्याम सुंदर ने बताया कि विक्रांत के पिता ने बेटे की हत्या की केवल शंका जताई थी जिसके चलते मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
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