चुनावी तैयारियों के बीच रामराज्य की धुन… बजट से अमल का संदेश; विश्लेषक बोले- यह बड़ी बात है
अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए युग व भागवत के रामराज्य के संकल्पों के आह्वान पर सीएम योगी के बजट से अमल का संदेश है। विश्लेषकों का कहना है कि आदर्श शासन व्यवस्था के लिए रामराज्य उत्कृष्ट मानक है।
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नए युग के शुरुआत का एलान किया था…संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रामराज्य की वापसी के लिए आम लोगों से जिस आचार-व्यवहार की अपील की थी, योगी आदित्यनाथ सरकार का आठवां बजट भी उसी भाव को अभिव्यक्त कर रहा है।
लोकसभा चुनावों के लिहाज से विपक्ष की तमाम नुक्ताचीनी के बीच रामराज्य की धुन हर स्तर पर नजर आने की उम्मीद है। सीएम योगी ने न सिर्फ वित्त वर्ष 2024-25 के बजट के विचार और संकल्प को राममय बताया….बल्कि राम को लोकमंगल का प्रतीक और बजट प्रस्तावों को लोकमंगल को समर्पित बताया। विश्लेषकों का कहना है कि आदर्श शासन व्यवस्था के लिए रामराज्य उत्कृष्ट मानक है। यानी ऐसा शासन जिसमें दैहिक, दैविक, भौतिक किसी किसी तरह का ताप न हो।
कि राम निर्विवाद रूप से मर्यादा, नैतिकता व आदर्श शासन-व्यवस्था के प्रतीक हैं। रामराज्य में दैहिक-दैविक, भौतिक ताप से किसी के पीड़ित न होने की बात कही गई है।
बयरु न कर काहू सन कोई, राम प्रताप विषमता खोई….की बात की गई है। योगी सरकार में कानून-व्यवस्था में सुधार साफ महसूस हो रहा है। निरोगी जीवन के लिए पांच लाख रुपये तक इलाज की व्यवस्था है।
आवास, शौचालय, गैस सिलेंडर, राशन जैसी योजनाएं अभावग्रस्त लोगों के कल्याण से जुड़ी हैं। किसानों के लिए मुफ्त सिंचाई की बात की गई है। अभावग्रस्त और जरूरतमंद लोगों के लिए अनेक लाभार्थीपरक योजनाएं हैं। इनमें कोई भेदभाव नहीं है।
युवाओं के रोजगार को ध्यान में रखते हुए पांच लाख रुपये तक ब्याजमुक्त ऋण का एलान किया गया है। बुजुर्गों के लिए पेंशन और बेटियों के जन्म से पढ़ाई तक मदद जैसी योजनाएं हर व्यक्ति के साथ सरकार का भाव पैदा करती हैं।
द्विवेदी कहते हैं कि ये योजनाएं तथा सीएम वित्तमंत्री की भावनाओं से स्पष्ट है कि सरकार केवल रामराज्य की सैद्धांतिक चर्चा नहीं कर रही है, व्यवहारिक रूप से उसे धरातल पर उतारने की कोशिश भी कर रही है। इसे चुनावी दृष्टि से देखना ठीक नहीं है।
रामराज्य का मतलब शासन को उत्कृष्ट व्यवस्था की ओर ले जाना
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. गोपाल प्रसाद कहते हैं कि कोई भी अच्छा शासक अपने राज्य को रामराज्य के आदर्शों पर ही चलाने की बात करेगा। महात्मा गांधी ने इसी संदर्भ में रामराज्य की बात की थी। पूर्व की सरकारें ऐसा कहने का साहस नहीं कर पाती थीं। रामराज्य का मतलब है कि ऐसी आदर्श व्यवस्था जहां गरीब, दलित, वंचित, पीड़ित, महिला सभी की समान भाव से चिंता होती हो। कोई भेदभाव न हो। शासन को उत्कृष्ट व्यवस्था की ओर ले जाना। आज योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं है। योगी सरकार इसे उत्कृष्ट स्थिति की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है। वास्तव में सर्वसमाज के हित व भावना की अभिव्यक्ति है, रामराज्य की बात करना।
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर अश्वनी कुमार दूबे कहते हैं कि सरकार ने बजट को रामराज्य की स्थापना से जोड़कर यूपी को एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने का संकल्प दोहराया है। पहली बार किसी सरकार ने इसकी प्रतिबद्धता दिखाई है। वर्तमान बजट का यह महत्वपूर्ण पक्ष है। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि इस संकल्पना के आदर्श को जमीनी स्तर पर उतारना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, जिस पर सरकार को ध्यान केंद्रित रखना होगा।
+ There are no comments
Add yours