कानपुर में अरौल के पास हुए सड़क हादसे में छात्र के बाद छात्रा ने भी तोड़ा दम

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अरौल सड़क हादसा: छात्र के बाद छात्रा ने भी तोड़ा दम, स्कूलों पर की सख्ती…63 वाहनों का चालान, ये निर्देश जारी
लोडर की टक्कर से स्कूल वैन में सवार एक बच्चे की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि 10 घायल हुए थे। वहीं, सोमवार को एक छात्रा की और मौत हो गई है। हादसे के बाद प्रशासन स्कूलों और वैनों पर सख्ती बरत रहा है। इसके तहत 63 वाहनों का चालान किया गया है।
कानपुर में जीटी रोड पर अरौल के पास हुए सड़क हादसे में घायल आंकिन गांव निवासी कक्षा दो की छात्रा निष्ठा (08) ने भी सोमवार दोपहर इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उसका हैलट के आईसीयू में उपचार चल रहा था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सुपुर्द किया।


आठ फरवरी की दोपहर जीपीआरडी एजूकेशन सेंटर स्कूल की बच्चों से भरी वैन अनियंत्रित लोडर की टक्कर के बाद ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में वैन में सवार सातवीं के छात्र यश तिवारी (13) की मौके पर ही मौत हो गई थी। कक्षा आठ की छात्रा समृद्धि (13) उसका भाई कक्षा चार का छात्र अंकित द्विवेदी, कृतिका (6), सूर्यांश तिवारी, अभिनंदन (12), अनिका (5), एश्वर्य, देवांश समेत 10 लोग घायल हुए थे।
इसमें सूर्यांश, कृतिका, अंकिता, दिव्यांश, निष्ठा, अभिनंदन को हैलट में भर्ती किया गया था। सोमवार दोपहर करीब 12 बजे निष्ठा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, निजी अस्पताल में भर्ती समृद्धि द्विवेदी की हालत गंभीर बताई गई। उसके भाई एश्वर्य की हालत में सुधार होने पर उसे आईसीयू से बाहर किया गया है।

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स्कूल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप
हैलट में भर्ती सूर्यांश के पिता रजनीश कुमार त्रिपाठी व अनिका कटियार के बाबा अभिषेक कटियार ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना था कि चालक ने हादसे से दो माह पहले ही वैन खरीदी थी। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन ने उसे बच्चों को छोड़ने भेज दिया। घटना के पांच दिन बाद भी स्कूल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।अरौल में हुए सड़क हादसे के बाद परिवहन विभाग ने स्कूलों पर सख्ती की है। आरटीओ प्रवर्तन विभाग ने स्कूलों को पत्र जारी कर आगाह किया है कि अगर वाहनों के कागजों में कमी और ड्राइवर का सत्यापन किए बगैर वाहन चलता मिला, तो स्कूल के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अलग-अलग स्थानों पर 63 वाहनों का चालान भी किया गया।

प्रवर्तन अधिकारी राजेश राजपूत ने बताया कि क्षमता से अधिक बच्चों को ले जा रही स्कूली वैन पर कार्रवाई की गई है। जिन वाहनों के परमिट, फिटनेस समाप्त हो चुके हैं, उन वाहन स्वामियों को नोटिस भेजे गए हैं। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधकों से कहा गया है कि वाहनों के कागजात का सत्यापन करने के बाद व्यावसायिक लाइसेंस धारक ड्राइवर को ही वाहन चलाने को दें। ऐसा न करने पर विद्यालय के प्रधानाचार्य और प्रबंधक जिम्मेदार होंगे।

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