हाफिज कौसर रजा को फूल-माला पहनाकर अमवन के लोगों ने मुबारकबाद दिया

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गौसिया जामा मस्जिद अमवन में हाफिज कौसर रजा ने तरावीह में मुकम्मल किए तीस पारे

हाफिज कौसर रजा को फूल-माला पहनाकर अमवन के लोगों ने मुबारकबाद पेश किया!

सतांव,रायबरेली कोंसा ग्राम पंचायत के अमवन में गौसिया जामा मस्जिद में हाफिज कौसर रजा ने रमजान के २६वें रोजे को कुरआन शरीफ मुकम्मल किया।कुरआन शरीफ मुकम्मल होने के बाद हाफिज कौसर रजा ने अल्लाह रब्बुल इज्जत से दुआ की,कि ए अल्लाह तू ही पालनहार है,और तू ही हम सब गुनहगारों को बक्शने वाला है तू ही मालिको मौला है तू ही जिंदगी देने वाला तू ही जिंदगी लेने वाला है अनेक दुवाएं बाद नमाजे तरावीह मांगी।हाफिज कौसर रजा ने कहा हम में जो बीमार हैं शिफा अता फरमा और जो रोजी से परेशान हाल हैं उन्हें रिज्के हलाल अता कर।

जो नमाज नहीं पढ़ पा रहे हैं उन्हें ब जमात पंजगाना नमाज़ पढ़ते की तौफीक अता फरमा।हमें नेक बना दे हम गुनाहों में डूबे हुए हैं तू गफुरुर्रहीम हैं हमें माफ कर दे।ऐ अल्लाह हम शियाकार,बदकार हैं लेकिन जो कुछ भी हूं तेरे हबीब की उम्मत में हूं,हमें अपने हबीब के सदके में माफ कर दे। गांव के सभी लोगों ने बाद नमाजे तरावीह परवरदिगार की बारगाह में रो रो कर दुआए मांगी,वहीं हाफिज कौसर रजा ने कहा अल्लाह का बहुत बड़ा एहसान,और करम हैं

जो हम लोग उम्मते मोहम्मदिया में पैदा हुए हैं और हम लोगों को इतना प्यारा महीना रहमत,बरकत और मगफिरत वाला महीना मिला जिसमें अल्लाह ने बेशुमार नेमत नाजिल की वहीं लच्छीखेड़ा के हाफिज मोहम्मद यासीन ने कहा कि इस महीने में कसरत से नमाज पढ़े रोजा रखें कुरआन शरीफ की तिलावत करें क्योंकि यह महीना हमें सब्र सिखाता है तथा तकवा और परहेजगारी का दर्श देता है ताकि हम लोग मुत्तकी और परहेजगार बन सकें और सच्चों में सुमार हो जाएं वहीं लच्छी खेड़ा के मौजूदा इमाम ने कहा कि कुरआन शरीफ हमारे जरिये का निजात है,कुरआन शरीफ हमें जीने का सलीका सिखाता है,कुरआन शरीफ हमें सब्र और सीधा रास्ता चलने को कहता है,कुरआन शरीफ मुकम्मल जिंदगी का आईना दिखाता है।इसके लिए कुरआन शरीफ पढ़ो और समझो,सीखो और दूसरों को भी सिखाओ इससे जिंदगी कामयाब होती नज़र आयेगी।

इस दौरान लोगों ने हाफिज कौसर रजा को फूल माला व गले लगाकर मुबारकबाद दी वहीं तबर्रुख का इंतजाम गांव वालों के द्वारा कराया गया इस तरावीह में कुरआन शरीफ मुकम्मल पर बदरे आलम,लाला,नाजिम,असलम,अतीक, कल्लू,कल्लू बीडीसी,साहिद,जहीर, नियाज अली,हैदर,सोनू,सोएब,जसीम, लतीफ,सहाबू,सकील,डॉक्टर मेराज, डॉ.जमील,गुलरजा,लाईक,सहीद,रफीक,रहीस,अनीस(घूरू),जावेद, मोहसिन रजा,इसराइल,मेराज,नेहाल, नसरुद्दीन,अनवर,रऊफ खान,समी
उल्ला,निजामुद्दीन,इसराइल,नफीस, एवं छोटे छोटे बच्चे मौजूद रहें।

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