कागज का अल्पीकरण, प्लास्टिक से पूरी तरह बचें – डीएम

1 min read
कागज का अल्पीकरण, प्लास्टिक से पूरी तरह बचें – डीएम
रिपोर्ट सिद्धार्थ शुक्ला बस्ती
बस्ती। जनपद के डीएम/जिला निर्वाचन अधिकारी अंद्रा वामसी ने राजनीतिक दलों के साथ-साथ अधिकारियों को पर्यावरण मुक्त चुनाव की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की सलाह दिया है। उन्होने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग तथा राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव में गैर-जैवनिम्नीकरणीय सामग्रियों के उपयोग के कारण होने वाले पर्यावरणीय खतरों के मुद्दे पर बहुत चिंतित है।
उन्होने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग तथा न्यायालय के निर्देशो के अनुपालन में दिनांक 18 अगस्त 2023 के परिपत्र के माध्यम से सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों को दिशा निर्देश प्रसारित किया गया है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि पर्यावरण अनुकूल चुनाव दुनिया भर के विभिन्न देशों में लोकतंत्र का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस नेक उद्देश्य के लिए क्या करें और क्या न करें का दायरा बढ़ाया जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव पदाधिकारियों द्वारा चुनाव सामग्री में प्लास्टिक का पहले उपयोग न करने से लेकर विभिन्न चरणों जैसे कि चुनाव पूर्व, प्रचार, मतदान, मतगणना आदि शामिल है. के दौरान सामग्री की छपाई और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्य और पुस्तकों की भौतिक छपाई को कम करने और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी सामग्री अनुदेशों की छपाई में पर्यावरण अनुकूल उपायों की बढ़ावा देने के लिए संदर्भ/उपयोग के लिए रूपरेखा जारी की गयी है।
        उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया पर सामान्य सिद्धांत अपशिष्ट का पृथक्करण में सभी चुनाव प्रक्रियाओं और आयोजनों में केवल पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करें और सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह बचें। विभिन्न प्रकार के कचरे का पृथक्करण सुनिश्चित करें। मतदान केंद्रों और अभियान कार्यक्रमों में स्पष्ट और दृश्यमान संकेतक स्थापित करना ताकि लोगों को विभिन्न प्रकार के कचरे, जैसे कि पुनर्चक्रण योग्य, जैविक अपशिष्ट और गैर-पुनर्चक्रण योग्य अपशिष्ट का निपटान कहां किया जाए, के बारे में मार्गदर्शन किया जा सके।
        उन्होंने कहा कि कागज का अल्पीकरण किया जाये, जिसमें मतदान केंद्रों पर मतदाता सूचियों और चुनावी सामग्री के लिए कागज का उपयोग कम से कम करें। ईंधन का अल्पीकरण के सम्बन्ध में बताया कि परिवहन के लिए पर्यावरण-अनुकूल वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाय, कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित किया जाय, अभियानों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाय।
        उन्होंने जागरुकता/उपाय/सीबी/स्वीप गतिविधियों पर बताया कि कार्यान्वित की जा रही पर्यावरण-अनुकूल पहलों के बारे में मतदाताओं को जानकारी प्रसारित किया जाय। मतदाताओं को चुनाव संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना, चुनाव अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पर्यावरण जागरूकता मॉड्यूल को एकीकृत करना पर्यावरण-अनुकूल प्राथाओं का पालन करने के महत्व पर निर्वाचन कार्मियों को शिक्षित करना है। पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक समूहों के साथ मिलकर काम किया जाय। सतत इवेंट प्रबंधन में विशेषज्ञता वाले संगठनों के साथ साझेदारी की तलाश किया जाय। चुनाव अभियानों और मतदाता शिक्षा के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों और सोशल मीडिया के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाय। वर्चुअल टाउन हॉल और ऑनलाइन चर्चा को बढ़ावा देकर भौतिक साइनेज और बैनरों पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय। उम्मीदवार पारंपरिक डाक के स्थान पर डिजिटल संवाद पत्र और ईमेल अपडेट का उपयोग करें। जिला निर्वाचन अधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपेक्षित इन दिशा निर्देशों को लागू करने में सभी संबंधित पक्ष सक्रिय सहयोग करें।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours