डिलीट व्हाट्सएप चैट से खुलेगा सिपाही भर्ती पेपर लीक मामला, एसटीएफ के रडार पर कई लोग
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा फरवरी में हुई थी। पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त कर दिया गया था। इस मामले की जांच में एसटीएफ चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में पेपर लीक का बिहार कनेक्शन भी सामने आया था।
डिलीट किए गए व्हाट्सएप चैट की जांच से उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मामला खुलेगा। मामले में नोएडा एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपी प्रमोद पाठक के व्हाट्स एप पर सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र आया था। जिसे उसने डिलीट कर दिया।
एसटीएफ चैट रिकवर करने का प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि डिलीट किए गए चैट की जांच से कई राज से पर्दा उठेगा। अभी एसटीएफ के रडार पर कई लोग हैं। एसटीएफ की टीम कई स्थानों पर दबिश दे रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा फरवरी में हुई थी। पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त कर दिया गया था। इस मामले की जांच में एसटीएफ चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में पेपर लीक का बिहार कनेक्शन भी सामने आया था। एसटीएफ ने झांसी से मोनू और बिहार निवासी रजनीश रंजन को गिरफ्तार किया था।
एसटीएफ जांच में पता चला कि रजनीश पहले बिहार के परीक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था। बाद में वह अन्य राज्यों की परीक्षा में पेपर लीक व सॉल्वर बैठाने लगा था। दोनों से पूछताछ में नोएडा निवासी प्रमोद पाठक के पेपर लीक में शामिल होने की बात सामने आई।
नोएडा एसटीएफ ने प्रमोद को दिल्ली के मुखर्जी नगर से दबोच लिया। प्रमोद से पूछताछ व जांच में पता चला कि उसके मोबाइल पर भी परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र भेजे गए थे। फिलहाल लखनऊ और वाराणसी से प्रश्न पत्र भेजने की बात बताई गई है। एसटीएफ उनलोगों की पहचान करने में जुटी है जिन्होंने प्रमोद को प्रश्न पत्र भेजे थे। एसटीएफ गिरफ्तार आरोपियों की कॉन्टैक्ट लिस्ट, मैसेज से लेकर सोशल मीडिया प्रोफाइल खंगाल रही है।
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