उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक किशोरी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. इसके बाद किशोरी के परिजनों ने बगैर किसी को सूचना दिए शव को दफन कर दिया था, लेकिन जैसे ही किशोरी के मामा को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने एसडीएम से पूरा मामला बताते हुए शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम की मांग की, जिस पर एसडीएम सहित पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचे और शव को कब्र से निकालकर उसको पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पुलिस-प्रशासन का कहना है कि रिपोर्ट के बाद तहरीर मिलने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
मामला बदौसा थाना के पचपेडिया गांव का है, जहां की रहने वाली 10 वर्षीय रोशनी की रविवार रात संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. परिजनों ने उसके शव को बगैर पोस्टमॉर्टम और सूचना के सोमवार को दफन कर दिया, लेकिन जैसे ही जानकारी मृतका के ननिहाल पक्ष के लोगों को हुई तो मामा सुरेश यादव ने हत्या की आशंका जताते हुए एसडीएम रावेंद्र सिंह से शिकायत की और कब्र से शव निकलवाकर पोस्टमॉर्टम की मांग की. जिसपर एसडीएम ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच कर शव को कब्र से बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.
इधर, किशोरी के बाबा सहित परिजनों का कहना था कि उसकी मौत बीमारी से हुई है, लेकिन उसके ननिहाल के मामा सहित अन्य लोगों का आरोप है कि लड़की गवाही देने लायक हो गई है, उसके नाम प्रोपर्टी है, जिस वजह से उसके बाबा, दादा और उसके परिवार वालों ने घटना को अंजाम दिया है.
फिलहाल पुलिस ने सभी पहलुओं पर जांच के लिए शव को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जिससे किशोरी के मौत की सही जानकारी स्पष्ट हो जाएगी. बता दें कि किशोरी के माता-पिता के पहले ही मौत हो चुकी थी. मृतिका अपने दो छोटे भाई-बहनों के साथ बाबा के साथ रहती थी. उसके नाम पिता की पूरी संपति, जमीन जायजाद भी थी.
एसडीएम ने क्या बताया?
एसडीएम रावेंद्र सिंह ने बताया कि ननिहाल पक्ष के परिजनों ने मांग की थी कि किशोरी की मौत स्वाभाविक नहीं है, इसलिए मौत का कारण जानने के लिए कब्र से शव को निकाल कर पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है. तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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