पत्नी के हत्यारे को आजीवन कारावास
इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम दिलीप कुमार सचान ने महिला की हत्या के पांच साल पुराने मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा। आरोपी सास व ससुर को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि औरैया जिले के फफूंद थाना क्षेत्र के गांव सिम्हारा निवासी कपिल सिंह ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसने बहन दीपा की शादी चकरनगर थाना क्षेत्र के गांव डिभौली निवासी सूरज सिंह के साथ 2013 में की थी। कुछ समय बाद दीपा के ससुराल वाले दहेज के लिए उत्पीड़न करने लगे। कई बार उसने ससुराल के लोगों को समझाया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। आरोप लगाया कि ससुराल वाले दीपा का और भी उत्पीड़न करने लगे।
26 अप्रैल 2018 को फोन पर सूचना मिली कि दीपा को करंट लग गया। वह मौके पर पहुंचा तो उसकी बहन मृत पड़ी थी। ससुराल वालों ने उसकी हत्या कर दी थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने पति सूरज ससुर राजेश व सास शीला देवी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। बाद में पुलिस ने तीनों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में पेश कर दिए।
सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में हुई। सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण कुमार शुक्ला व बलबीर सिंह राजपूत ने पैरवी कर साक्ष्य व गवाहों को पेश किया। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने सूरज को हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा व तीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। साक्ष्यों के अभाव में ससुर व सास को बरी कर दिया।
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