किसान आत्महत्या मामला: निष्कासित बीजेपी नेता समेत फरार चार आरोपियों पर एक लाख इनाम घोषित
यूपी के कानपुर में किसान आत्महत्या का मामला तूड़ पकड़ता जा रहा है। वहीं, कानपुर पुलिस ने फरार चल रहे बीजेपी नेता प्रियरंजन आशु समेत चार आरोपियों पर एक लाख इनाम कर दिया है। जल्द ही कुर्की की कार्रवाई हो सकती है।
कानपुर: यूपी के कानपुर में किसान आत्महत्या मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में बीते एक महीने से जमकर राजनीति हो रही है। किसान आत्महत्या मामले में बीजेपी नेता डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर मुख्य आरोप हैं। बीजेपी ने प्रियरंजन आशु दिवाकर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। शासन ने निष्कासित बीजेपी आशु दिवाकर समेत फरार चल रहे चार आरोपियों की इनाम राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी है। किसान आत्महत्या मामले के एक महीने बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ खाली हैं। आरोपी लगातार पुलिस को चकमा दे रहे हैं।
चकेरी थाना क्षेत्र स्थित अहिरवां गांव में रहने वाले बाबू सिंह यादव पेशे से किसान थे। परिवार में पत्नी बिट्टन, बेटी रूबी और काजल के साथ रहते थे। किसान की लगभग 10 बीघा जमीन थी। निष्कासित बीजेपी नेता ने 6 बीघा जमीन का साढ़े 6 करोड़ में किसान से सौदा किया था। किसान का आरोप था कि बीते 18 मार्च को एक होटल में बुलाकर जमीन अपने नाम करा ली थी। इसके बदले में 6.20 करोड़ की चेक दी थी और 7 लाख रुपये नकद दिए थे। इसके बाद चेक में गलती होने की बात कह कर चेक वापस ले ली थी। इसके बाद चेक नहीं दी और उस जमीन पर प्लाटिंग शुरू कर दी। इससे आहत होकर किसान ने सीएम के नाम पत्र लिखकर 9 सितंबर को ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
मृतक किसान बाबू सिंह की पत्नी ने बीजेपी नेता और बाल आयोग के सदस्य प्रियरंजन आशु दिवाकर, उनके भतीजे जितेंद्र, बबलू यादव, राहुल जैन, मधर पांडेय, शिवम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल जैन और मधुर पांडेय जेल में हैं। बाकी आरोपी फरार चल रहे हैं। कानपुर कमिश्नर ने शासन को पत्र लिखकर फरार चल रहे आरोपियों की इनाम राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने का प्रस्ताव भेजा था। वहीं, फरार चल रहे आरोपियों की इनाम राशि बढ़ने से किसान के परिवार ने खुशी जाहिर की है
पुलिस करेगी आशु दिवाकर पर कुर्की की कार्रवाई
कानपुर पुलिस प्रियरंजन आशु दिवाकर समेत फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नेपाल से लेकर कोलकाता, बिहार, एमपी तक तलाश कर चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ खाली हैं। बीते दिनों निष्कासित बीजेपी ने सीजेएम कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी। जमानत अर्जी की सुनवाई के बाद पुलिस आशु दिवाकर पर कुर्की की कार्रवाई करने तैयारी कर रही है।
बाल आयोग सदस्य के पद से हटाने की मांग
किसान आत्महत्या मामले में प्रियरंजन आशु दिवाकर को बीजेपी ने मंगलवार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्रियरंजन दिवाकर यूपी बाल संरक्षण आयोग के सदस्य भी हैं, उन्हे बाल आयोग सदस्य पद से भी हटाने की मांग उठने लगी है। न्याय संघर्ष समिति के सदस्य अभिमन्यू गुप्ता ने यूपी बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, देवेंद्र शर्मा का कहना है कि शासन ने ही उन्हे नियुक्त किया था, अब कार्रवाई भी शासन करेगा।
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