नेपाल ने छोड़ा 2.45 लाख क्यूसेक पानी बलिया और मऊ में बढ़ा बाढ़ का खतरा

1 min read

नेपाल ने छोड़ा 2.45 लाख क्यूसेक पानी: बलिया के 300 घरों और मऊ के ऐतिहासिक धरोहरों पर खतरा, कटान में आई तेजी
बलिया और मऊ में बाढ़ का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पानी के बहाव से हो रहे कटान के कारण किसान परिवार पहले से ही चिंतित हैं। कईयों का आशियाना ढह चुका है। वे दूसरे स्थान पर रहने को मजबूर हैं। ऐसे में नेपाल की ओर से छोड़े गए पानी ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। सरयू नदी अपने उफान पर है।
नेपाल की तरफ से 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से सरयू नदी में एक बार फिर उफान आ गया है। जिससे कस्बा सहित ऐतिहासिक धरोहरों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 40 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। सरयू की लहरें भारत माता मंदिर और मुक्तिधाम की दीवारों से सीधे टकरा रही हैं। हाल यह हो गया है कि नदी कभी भी खतरा बिंदु पार कर सकती है।

सरयू नदी के जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली थी। इसी बीच नेपाल की तरफ से 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। लोगों को नदी के कहर बरपाने की चिंता अभी से सताने लगी है
धनौली लोहरा बंधा, नौली चिउटीडाड़ रिंग बंधा, बीबीपुर बेलोली पर पानी के पहुंचने से बंधों पर खतरा बढ़ गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से नगर सहित तटवर्ती इलाकों के लोगों को नुकसान की चिंता अभी से खाए जा रही है।


नदी के जलस्तर पर नजर डाला जाए तो गौरीशंकर घाट पर शुक्रवार को सरयू का जलस्तर 69.50 मीटर रहा। गुरुवार को नदी का जलस्तर 69.10 मीटर रहा। इस तरह नदी का जलस्तर 24 घंटे में 40 सेंटीमीटर बढ़ गया है। नदी अब खतरा बिंदु 69.90 मीटर से 40 सेमी नीचे बह रही है।

नदी की तेज धारा भारत माता मंदिर, खाकी बाबा की कुटी, श्मशान घाट पर टक्कर मार रही है। नदी के रौद्र रूप धारण करने से नगर की ऐतिहासिक धरोहरों मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, खाकी बाबा की कुटी, दुर्गा मंदिर, डीह बाबा का मंदिर, शाही मस्जिद, हनुमान मंदिर सहित विभिन्न धरोहरों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
तीन पक्के मकान गिरे
सरयू नदी की लहरें कभी धीमी तो कभी तेज गति से लोगों के आशियाने लील रही हैं। शुक्रवार की भोर में तीन और लोगों का पक्का मकान सरयू नदी में समा गया।

कटान की गति काफी कम थी। लेकिन शुक्रवार की भोर में फिर तेजी आई। लोग जब तक कुछ कर पाते रेनू देवी पत्नी लक्ष्मण यादव का मकान नदी में समा गया। कुछ ही पलों में अमरजीत यादव व रणजीत यादव का मकान भी नदी में विलीन हो गया। धुपनाथ के डेरा, गोपालनगर, शिवाल मठिया, चाई छपरा, अधिसीझुवा के अलावा फतेयराय का टोला व बकुलहा में भी लोग कटान से सहमे हुए हैं।

दीयरांचल के ग्रामीणों में चर्चा है कि बाढ़ विभाग ने छोटा प्रोजेक्ट ही सही नौ करोड़ से एक किमी की दूरी में कार्य करने के लिए प्रोजेक्ट बनाया था, लेकिन शासन स्तर से प्रोजेक्ट को अस्वीकृत कर दिया गया। अब बाढ़ विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि गूगल से सर्वे किया गया है।

छह किमी की दूरी में बड़ा प्रोजेक्ट लाकर कटानरोधी कार्य करना पड़ेगा। आलम यह है कि सरयू नदी का कटान धीरे-धीरे गोपालनगर स्थित निजी टाॅवर और 300 परिवार की बस्ती की ओर बढ़ रहा है। उक्त गांव निवासी मुखराम यादव, गणेश यादव आदि ने अपना आशियाना खुद तोड़ना शुरू कर दिया है।

बारिश से किसानों के चेहरे खिले, जल भराव से परेशानी
कई दिनों तक कड़ी धूप व उमस के बाद हुई बारिश से लोगों ने राहत महसूस की। बारिश से किसान भी खुश हो गए। लेकिर नगर क्षेत्र में जलभराव हो गया। अस्पताल गेट के सामने पानी भर गया। मरीजों व तीमारदारों को परेशानी हुई। मिडिल स्कूल परिसर में जलभराव हो गया।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours