केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर जुर्माने की राशि हुई कम, 25 हजार से 5 हजार किया गया
एनजीटी के अनुसार टेंट सिटी स्थापित करने में पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी की गई है। इस मामले में एनजीटी द्वारा केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर 25 हजार के अर्थदंड को घटाकर पांच हजार कर दिया गया है।
एनजीटी के अनुसार टेंट सिटी स्थापित करने में पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी की गई है। इस मामले में एनजीटी द्वारा केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर 25 हजार के अर्थदंड को घटाकर पांच हजार कर दिया गया है।
सरकार व टेंट कंपनियों के अधिवक्ताओं ने एनजीटी से कहा कि इस साल टेंट सिटी बसाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कछुआ सेंचुरी को नियमों के विरुद्ध जाकर डिनोटिफाइड करने के मामले में जलीय जीवों पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर एनजीटी गंभीर है। एनजीटी की प्रधान पीठ नई दिल्ली की तीन सदस्यीय पीठ चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की पीठ ने सभी पक्ष के अधिवक्ताओं को 12 अप्रैल को अपना पक्ष रखने को कहा है।
एनजीटी ने कहा कि कछुआ सेंचुरी को डिनोटिफाइड करने से अगर वाराणसी अवस्थित गंगा नदी के जलीय जीवों पर दुष्प्रभाव पड़ता है तो यह निश्चित ही यह राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अधिकार क्षेत्र में है। गत छह फरवरी को एनजीटी के समक्ष सुनवाई के दौरान एनजीटी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने व गंगा किनारे शाही टेंट सिटी बसाने के लिए जलीय जीवों एवं कछुओं को मार दिया गया और नष्ट किया गया।
एनजीटी ने गंगा नदी तल में टेंट सिटी बसाने वाली कंपनियों प्रवेग व निरान पर पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी व बगैर सीटीओ के संचालन करने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 17 लाख 12 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसकी वसूली के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है।
+ There are no comments
Add yours