एमएमडीपी को लेकर ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित
रायबरेली
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा एम्स एवं स्वयंसेवी संस्था पाथ के सहयोग से सोमवार को ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को एएनएमटीसी कार्यालय में रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता उपचार(एमएमडीपी) का प्रशिक्षण दिया गया । जिसके तहत उन्हें फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के बारे में बताया गया ।
जिला मलेरिया अधिकारी भीखूल्लाह ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होता है और यह ऐसी बीमारी है जो ठीक नहीं होती है । इसका केवल प्रबंधन ही किया जाता है ।उचित प्रबंधन और फाइलेरिया प्रभावित अंगों के व्यायाम करने से यह बीमारी नियंत्रित रहती है । इस बीमारी में लिम्फ़ नोड्स में सूजन आ जाती है |
इस मौके पर फाइलेरिया कार्यक्रमके प्रभारी अनिल क्रिस्टोफर मैसी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट ब्लॉक स्तर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , हेल्थ वेलनेस सेंटर पर कैंप लगा कर रोगियों को इसकी जानकारी देते हुए वितरित की जाए तथा फाइलेरिया रोगियों की लाइनलिस्टिंग समय-समय पर जिले पर भेजी जाए ।
पाथ से डा. पूजा ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित पैरों को बहुत देर तक लटकाकर नहीं रखना चाहिए । सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लेनी चाहिए ।महिलाओं को प्रभावित पैरों में पायल या बिछिया नहीं पहननी चाहिए ।फाइलेरिया प्रभावित अंगों की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए।उन्होंने प्रदर्शन करके बताया कि किस तरह से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सफाई करनी चाहिए ।
डा. पूजा ने बताया कि कभी भी साबुन को फाइलेरिया प्रभावित अंगों पर सीधे नहीं लगाना चाहिए बल्कि फेना बनाकर हल्के हाथों से उसे अंगों पर लगाएं ।उसके बाद धीरे-धीरे पानी डालें ।साफ कपड़े से हल्के हाथों से पोंछें ।अगर कोई घाव है तो एंटी फंगल क्रीम का उपयोग करें ।इसके साथ ही व्यायाम करके दिखाया कि इस तरह से व्यायाम करके प्रभावित अंगों की सूजन को कम किया जा सकता ।
इस मौके पर सहायक मलेरिया अधिकारी, एम्स से डा. आयुषी गोयल समस्त मलेरिया निरीक्षक सहित ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा अधिकारी, बी.पी.एम, एच.ई.ओ,एच.एस, बी.सी.पी.एम,बी.एच.डबलू प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।
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