सुल्तानपुर की माटी ने एक बार फिर दोहराया अपना इतिहास

1 min read

सुल्तानपुर की माटी ने एक बार फिर दोहराया अपना इतिहास

मेनका गांधी को दिया झटका, 43 हजार वोटों से जीता इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी

सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र का इतिहास रहा है कि यहां के सांसद को दोबारा लोकसभा के सदन में पहुंचने से रोका है। आज सुल्तानपुर ने अपने इस इतिहास को एक बार फिर दोहराया है। यही कारण है कि मेनका गांधी जैसी सशक्त सांसद को हार का मुंह देखना पड़ा।
भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी को सपा के रामभुआल निषाद ने 43 हजार 174 मतों से पराजित कर दिया। राम भुआल निषाद को 4 लाख 44 हजार 330 मत मिले जबकि मेनका गांधी को 4 लाख 1 हजार 156 मत प्राप्त हुए।
गांधी परिवार के लिए पलक पांवड़े बिछाने वाली सुल्तानपुर जिले की जनता ने मेनका गांधी को एक बार फिर करारा झटका दिया है।
पहली बार जब वे अविभाजित सुल्तानपुर जिले की अमेठी सीट से राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, तब भी उन्हें करारी मात मिली थी। इस बार फिर सुल्तानपुर ने उनका दिल तोड़ दिया। अपने राजनीतिक जीवन में केवल तीन बार हारने वाली मेनका को सुल्तानपुर जिले से दो बार हारना पड़ा है। इस बार भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी को सपा के रामभुआल निषाद ने 43 हजार 174 मतों से पराजित कर दिया। राम भुआल निषाद को 4 लाख 44 हजार 330 मत मिले जबकि मेनका गांधी को 4 लाख 1 हजार 156 मत प्राप्त हुए।


संजय मेनका गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1984 में की थी। जब उन्होंने कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बगावती तेवर अपना लिए और अपने जेठ राजीव गांधी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर पड़ी थीं। उस चुनाव में उन्हें सुल्तानपुर जिले का हिस्सा रही अमेठी की जनता ने नकार दिया।
इसके बाद उन्होंने 1988 में जनता दल ज्वाइन कर लिया और पीलीभीत को अपना राजनीतिक ठिकाना बनाया। जनता दल के टिकट पर वे पहली बार पीलीभीत से सांसद बनीं लेकिन इसके बाद अगले ही चुनाव में 1991 की रामलहर में एक बार फिर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। 1996 में वे फिर पीलीभीत से लड़ीं और चुनाव जीतीं, इसके बाद 2019 तक लगातार चुनाव जीतती रहीं।
इस दौरान उन्होंने भाजपा का दामन थामा और निरंतर जीततीं रहीं। जीत के इसी क्रम में सुल्तानपुर संसदीय सीट पर उन्हें 2019 में जीत तो हासिल हुई लेकिन करीब 14 हजार वोटों की बढ़त ने उनकी जीत का स्वाद कसैला कर दिया था। इस बार उन्हें भारी जीत की उम्मीद थी लेकिन सुल्तानपुर की जनता ने उन्हें एक बार फिर जीत से वंचित कर दिया।

रिपोर्ट- ज़ाहिद हुसैन रिज़वी

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours