पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ की चपेट में आने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। 40 से अधिक लापता और 48 लोग घायल हुए हैं। बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं। राष्ट्रपति ने भी इस घटना पर दुख जताया है |
बादल फटने की घटना के बाद सेना की छह बचाव टीमें मौके पर लगी हुई हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि 48 घायलों को उपचार के लिए भेजा गया है। छह टीमें राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। दो अतिरिक्त चिकित्सा दल को रवाना किया गया है। लापता लोगों को खोजने के लिए डॉग स्क्वायड लगाए गए हैं।
प्रशासन ने कहा- सुरक्षित जगह पर रुकें
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने सभी भक्तों से संयम रखने को कहा है। बोर्ड ने कहा है कि जिस स्थान पर भी यात्री हैं वह सुरक्षित जगह पर रुकें। सेना, एनडीआरएफ समेत सभी अर्धसैनिक बल रेस्क्यू कर रहे हैं। सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जागएा। डर का माहौल न बनाए और सतर्क रहें।
अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार शाम 5.30 बजे अमरनाथ गुफा से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर बादल फटा। इससे गुफा के सामने से बहने वाले नाले में आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। पवित्र गुफा के ठीक सामने यात्रियों के लिए टेंट सिटी (यात्री शिविर) बनाई गई है। यहां एक टेंट में चार से छह लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। तेज बहाव में आया पानी दर्जनों टेंटों को साथ बहा ले गया।
भारी बारिश की चेतावनी के बीच अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 50 लोग लापता हो गए हैं। बादल फटने के बाद पहाड़ से आया सैलाब श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए 3 लंगरों समेत करीब 40 टेंट बहा ले गया। सैलाब गुफा के सामने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए टेंटों के बीचों-बीच निकला। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। बाढ़ की चपेट में आए शिविर के टेंटों से निकालकर लोगों को फौरन पहाड़ की ढलान तक सुरक्षित पहुंचाया गया। कई लोगों को बचाया गया है। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। हादसे के समय गुफा के पास करीब पांच हजार लोग मौजूद थे। यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। हालात को देखते हुए रेस्क्यू दल रात को बर्फीले पानी और अत्यधिक ठंड के बावजूद राहत एवं बचाव कार्य जारी रखेंगे।
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