पत्रकार
कनिष्क का आरोप है कि वो स्थानीय बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के ख़िलाफ़ ख़बरें चलाते रहे हैं और उन्हीं के इशारे पर पुलिस ने नाट्यकर्मियों के साथ-साथ उन्हें भी हिरासत में लिया और उनके साथ मारपीट की.
कनिष्क आरोप लगाते हैं, “नाट्य कर्मी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तो मैं उसकी कवरेज कर रहा था. पुलिस ने मेरे कैमरामैन के साथ मुझे भी पकड़ लिया. हम सबको अर्धनग्न करके थाने में जुलूस निकाला गया. बाद में थानाध्यक्ष के कमरे में ये तस्वीर खींची गई.”
कनिष्क का कहना है कि इस घटना के बाद उन्होंने कई बार पुलिस के दुर्व्यवहार की शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
वहीं घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए सीधी ज़िले के एसएसपी मुकेश कुमार कहते हैं, “नीरज कुंदेर एक रंगकर्मी हैं, उनकी गिरफ़्तारी के बाद लोग प्रदर्शन करने आए थे, थाने के बाहर आपत्तिजनक नारेबाज़ी कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें समझाया, लेकिन वो नहीं माने. देर रात में प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया था और विधिवत 151 के तहत गिरफ़्तार भी किया गया था.”
+ There are no comments
Add yours