महराजगंज रायबरेली। कस्बा स्थित महावीर स्टडी इस्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज में हॉकी के जादूगर की जयंती खेल दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाई गई प्रधानाचार्य कमल बाजपेयी खेल अध्यापक दिलीप गुप्ता तथा फिजिकल एजुकेशन के सभी बच्चों ध्यानचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अर्पित की बच्चों को बताया कि हाकी के जादूगर ध्यानचंद जी का जन्म 1905 में प्रयाग में पिता समेश्वर दत्त सिंह और माता शारदा सिंह के घर जन्म हुआ । ध्यानचंद ने ब्रिटिश इंडियन आर्मी में मेजर की नौकरी की थी इन्होंने भारत के लिए हॉकी खेली तथा ओलंपिक में हैट्रिक स्वर्ण पदक 1928 में एम्सटर्डम 1932 में लांस एंजेल्स तथा 1936 में बर्लिन में भारत को अपनी कप्तानी में लगातार स्वर्ण पदक दिलाए।
आपको प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पदम्भूषण से सम्मनित किया गया।हॉकी का जुनून इन पर इस कदर था कि यह रात में चंद्रमा की रोशनी में स्टेडियम में अकेले स्टिक तथा गेंद से खेला करते थे।दोस्तों ने ध्यान सिंह के बदले इनका नाम चन्द्रमा की रोशनी में खेलने के कारण ध्यानचंद्र रख दिया।एडोल्फ हिटलर ने इन्हें जर्मनी के तरफ से प्रलोभन दिया कि आप मेरे देश से खेले लेकिन इस स्वाभिमान व्यक्ति ने अपनी मिट्टी अपने देश से ही खेलना चाह तथा उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया बताते हैं कि उनकी खेल प्रतिभा ऐसी थी कि बाल स्टिंग से हटते ही नहीं थी लोगों को लगा कि स्टिंग में कुछ चुंबक लगा है आता है इनकी स्टिंग देखा गया एक बार गोल मारा तो गोल बाहर चला गया इन्होंने गोल का साइज नापने को कहा तो वह छोटा निकला सभी लोग इनका हाथी का जादूगर नाम से पुकारते थे आज कॉलेज के पीछे अध्यापक दिलीप गुप्ता ने ध्यान चंद्र पर तथा खेल भावना पर कर गर्वित प्रकाश डाला तथा आज राष्ट्रीय खेल दिवस पर बच्चों को पढ़ाई के साथ रामविलास ने आज खेल खेलने हेतु ग्राउंड में बुलाया प्रधानाचार्य ने ध्यानचंद जी को काव्यांजलि अर्पित की।
याद करें हम ध्यानचंद्र को, विश्व पटल पर खेली हॉकी
दुनिया बोली जादूगर थे, टीम विरोधी धूल थी फांकी
नमन तुम्हें मेजर जी मेरा ,खेल भावना हमें सिखा दी,
खेल तुम्हारा आकर्षक था, प्रेमी बोले हाँकी हाँकी।
इस मौके पर राजीव मिश्रा, सौरभ श्रीवास्तव, सुरेंद्र प्रजापति, मंजू सिंह, नीरू बाजपेई ,शालिनी सिंह, सरिता मिश्रा, अनुपम सिंह, लक्ष्मी सिंह, राज किशोर त्रिपाठी, आदर्श शुक्ला, ज्योति जायसवाल, ज्योति सिंह, फातिमा ,साधना सिंह, रुचि सिंह, गर्विता सिंह, आलोक यादव, सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाएं तथा समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
रिपोर्ट-असगर अली
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