अवैध कच्ची शराब का धंधा: प्रशासन की उदासीनता बनी चुनौती

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अवैध कच्ची शराब का धंधा: प्रशासन की उदासीनता बनी चुनौती

पाटन उन्नाव । बिहार थाना क्षेत्र के ग्रामसभा परसंडा के दैता और ग्राम सभा मलौना के बसंत खेड़ा के पास अवैध कच्ची शराब की ब्रिकी वर्षों से जोरों पर चल रही है। प्रशासन की उदासीनता के कारण यह धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार के पीछे केदारखेड़ा सरैया के कुछ लोग हैं, जो प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक शराब बेचते हैं।स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस अवैध शराब के कारोबार ने उनके जीवन पर गंभीर प्रभाव डाला है। कई परिवारों के सदस्य शराब की लत के कारण आर्थिक संकट में फंस गए हैं। गांव के युवाओं में भी शराब की लत बढ़ती जा रही है, जिससे उनके भविष्य पर काले बादल मंडरा रहे हैं।प्रशासनिक अधिकारी इस समस्या से अनजान बने हुए हैं या जानकर भी अनदेखा कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस अवैध धंधे के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, कुछ समय पहले प्रशासन ने छापेमारी की थी, लेकिन यह केवल दिखावा साबित हुआ। अवैध शराब का धंधा फिर से चालू हो गया और अब पहले से भी अधिक जोरों पर चल रहा है।ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण स्थानीय लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।

इस अवैध धंधे को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि वह नियमित रूप से छापेमारी करे और इस धंधे से जुड़े लोगों को सख्त सजा दे। इसके साथ ही, स्थानीय निवासियों को भी जागरूक करना जरूरी है ताकि वे इस अवैध गतिविधि का विरोध कर सकें और अपने गांव को शराब मुक्त बना सकें।सरकार और प्रशासन को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि समाज में शांति और समृद्धि लौट सके। यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो अवैध शराब का धंधा और भी बढ़ सकता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और बदतर हो सकती है।

रिपोर्ट – अमित कुमार

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