इकलौता हनुमान मंदिर जहां विधवा महिला 19 वर्षों से करती हैं पूंजा
– जेठ माह के पहले बड़े मंगल पर होगा सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा
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– दिन प्रतिदिन बढ़ रही है मंदिर की मान्यता, पूरी होती हैं मनौतियां
बीघापुर। जेठ माह का पहला बड़ा मंगल आज है। गौरी गांव स्थित पवन तनय मंदिर की मान्यता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मान्यता है कि मंदिर में माथा टेकने से सभी मनौतियां पूरी होती हैं। जनपद का यह इकलौता मंदिर है, जहां विधवा पुजारी प्रतिदिन पूजा अर्चना संपन्न करती हैं। पहले बड़े मंगल पर मंदिर में सुबह विशेष पूजन-अर्चन का कार्यक्रम संपन्न होगा।
राष्ट्रसंत मोरारी बापू की रामकथा वर्ष 2003 में गौरी गांव में हुई थी। मनोहरा मोहिनी पब्लिक स्कूल के संस्थापक कमला शंकर अवस्थी ने 15 वर्ष पहले व्यास पीठ के स्थान पर हनुमान जी के ध्यान मुद्रा के विग्रह पर पवन तनय मंदिर निर्मित कराया था। स्थापना के बाद से ही मंदिर में पुजारी का दायित्व विधवा महिला शैल कुमारी स्वास्थ्य निभा रही हैं। यह इकलौता हनुमान मंदिर है जहां विधवा महिला पुजारी के रूप में नियुक्त हैं। इस हनुमान मंदिर में रोज पूजा अर्चना होती है। क्षेत्र के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
मंदिर कमेटी के प्रबंधक गौरव अवस्थी ने बताया कि जेठ माह के पहले बड़े मंगल पर यहां सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ के बाद विशेष पूजन अर्चन होगा। स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे भी पाठ में शामिल होंगे।
रिपोर्ट- बिपिन कुमार
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