गोरखपुर में रेती चौक के पास लक्ष्मी प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद को भले ही पुलिस ने शांत करा दिया लेकिन 40 मिनट तक विसर्जन का जुलूस थमा रहा और गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। भीड़ को समझाने के लिए पुलिस को सख्ती के साथ ही मान मनौव्वल भी करना पड़ा। हालांकि, पुलिस की सूझबूझ का ही नतीजा रहा कि बड़ा विवाद टल गया और शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया
जानकारी के मुताबिक, स्कूटी सवार महिला के चोटिल होने के बाद पनपे विवाद के बीच किसी ने अफवाह उड़ा दी कि महिला सिपाही से विवाद हुआ है और पुलिस उत्पीड़न कर रही है। यह अफवाह आग की तरह फैल गई और आगे-पीछे निकली प्रतिमाओं के के जुलूस में शामिल लोग भी जुटने लगे।
विवाद बढ़ता देखकर पुलिस ने सख्ती की तो एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई खुद मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाना शुरू किया। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए नशे में धुत युवकों को पुलिस भीड़ के सामने भी ले गई और दिखाया कि यही उत्पाती हैं विसर्जन में शामिल लोग नहीं। पुलिस ने संभ्रांत लोगों को आगे किया तो मामला शांत हो गया लेकिन 40 मिनट तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।
विवाद के बीच ही अचानक जब गाड़ियां आगे नहीं बढ़ रही थी तो पीछे मौजूद प्रतिमा के साथ लोग नारेबाजी करने लगे। ये लोग पुलिस की व्यवस्था से नाराज थे और कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बाद में पुलिस ने उन्हें समझाया और सभी प्रतिमाओं को आगे बढ़ाया।
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