खरगोन जिले में एक निजी स्कूल की बस में लॉक हुई बच्ची

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खरगोन जिले में एक निजी स्कूल की बस में बच्ची लॉक हो गई। उसके रोने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे बाद खिड़की का शीश तोड़कर उसे बाहर निकाला गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
खरगोन जिले की महेश्वर तहसील में एक निजी स्कूल की बस में नर्सरी कक्षा की बच्ची सोती रह गई और चालक बिना गाड़ी चेक किए लॉक कर चला गया। कुछ देर बाद मासूम की नींद खुली तो वह गेट पर खड़ी होकर रोने लगी। उसके रोने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने काफी देर तक बस का गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं खुला। करीब एक घंटे की जद्दोजहद के बादा खिड़की का शीश तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला गया। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। हालांकि, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ड्राइवर सिर्फ पांच मिनट के लिए मौके से गया था। बाथरूम होकर वह वापस आ गया था।


दरअसल, खरगोन जिले के महेश्वर तहसील के ग्राम कावड़िया के एक निजी स्कूल की बस का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें एक बच्ची बस के अंदर रोती हुई दिखाई दे रही है। वहीं, बस का गेट लॉक है। कुछ लोग गेट खोलने की कोशिश करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। दूसरे वीडियो में कुछ लोग उस बच्ची को बस के कांच तोड़कर बाहर निकालते हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि घटना मंगलवार शाम की है। निजी स्कूल की बस बच्चों को घर छोड़ने के लिए आई थी, लेकिन नर्सरी कक्षा की एक बच्ची बस में सो गई। इस दौरान चालक ने बिना चेक किए बस को लॉक किया और फिर पार्क कर चला गया।
कुछ देर बाद जब बच्ची की नींद खुली तब वह रोने लगी इस दौरान आसपास के ग्रामीणों ने उसे देखा और करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद शीशा तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला गया। वीडियो सामने आने के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।इस घटना को लेकर अमर उजाला के प्रतिनिध ने निजी स्कूल की संचालिका कीर्ति चंदेल से बात की तो उन्होंने बस में बच्ची के बंद होने की घटना को माना। हालांकि, उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन बस का कंडक्टर छुट्टी पर था। बस लॉक करने के बाद चालक बाथरूम जा रहा था, इस दौरान उसे बच्ची के बस में होने की बात याद आई तो उसने पेरेंट्स को कॉल कर इसकी जानकारी दी। जब तक बच्ची के पिता और चालक मौके पर पहुंचे वीडियो वायरल कर दिए गए थे।

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