सीबीएसई 12वीं मैथ्स का पेपर 9 मार्च को, फाॅलो करें ये टिप्स

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का पेपर 9 मार्च को, फाॅलो करें ये टिप्स, एग्जाम में मिलेंगे पूरे नंबर
सीबीएसई 12वीं मैथ्स का पेपर 9 मार्च को है. यह नंबर दिलाने वाला विषय है. स्टूडेंट्स इस पेपर में पूरे नंबर प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी होगी. आइए जानते हैं कि स्टूडेंट्स को पेपर कैसे लिखना है कि उन्हें पूरे नंबर मिले.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं. 9 मार्च को सीबीएसई 12वीं मैथ्स की परीक्षा है. मैथ्स स्कोरिंग विषय है. अगर इस पेपर में सभी सवालों के जवाब देते हैं, तो उन्हें पूरे नंबर मिलते हैं. बड़ी बात यह है कि इस पेपर में राइटिंग का भी ज्यादा महत्व नहीं होता है. बस स्टूडेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि जिन प्रश्नों का जवाब लिख रहे हैं. वह साफ और स्पष्ट होना चाहिए.
यहां लास्ट मिनट तैयारी के टिप्स बताए जा रहे हैं, जिन्हें फाॅलो कर स्टूडेंट्स मैथ्स के पेपर में अच्छा स्कोर कर सकते हैं और पूरे नंबर प्राप्त कर सकते हैं. वहीं शिक्षकों के अनुसार परीक्षा से एक दिन पहले छात्रों को तैयारी के समय बनाए गए नोट्स से पढ़ाई करनी चाहिए.


मैथ्स के रिटायर्ड शिक्षक डॉ. रामदास का कहना है कि लास्ट मिनट में तैयारी के टिप्स में सबसे अहम बात तो यह है कि परीक्षार्थियों को घबराना नहीं चाहिए. कुछ बच्चे साल भर बेहतर पढ़ाई करने के बावजूद आखिरी वक्त में अपनी तैयारी को लेकर घबरा जाते हैं. इससे उनके एग्जाम पर गलत असर पड़ता है. इसलिए इस वक्त अपना कॉन्फिडेंस बनाए रखें. कुछ भी नया नहीं पढ़ें और अब तक जो पढ़ा है. उसी का रिवाइज करें. फॉर्मूलों पर ध्यान केंद्रित करें.
इसका जरूर रखें ध्यान
उन्होंने बताया स्कूल में जितने होमवर्क और असाइनमेंट मिले थे, उनके सवाल हल कर लें, क्योंकि क्लास में पढ़ाने वाले शिक्षक सभी तरह के ट्रिकी सवालों को हल कराते हैं. खासकर उन सवालों को दोबारा हल कर लें, जिन्हें पहली बार हल करने में आपसे गलती हुई थी. इन सवालों को हल करने में हर स्टेप का ध्यान रखें. ध्यान रखें कि परीक्षा के बाद एग्जामिनर कॉपी चेक करते समय स्टेपवाइज अंक ही देते हैं. इसलिए किसी भी सवाल का कोई स्टेप छोड़कर आगे न बढ़ें. इससे पूरे अंक मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

शिक्षक पुरुषोत्तम शुक्ल ने बताया कि अगर अब तक आपने महत्वपूर्ण फॉर्मूलों के नोट्स नहीं बनाए हैं, तो इन्हें किसी चार्ट पेपर या नोटबुक में लिखकर अभ्यास कर लें. अपनी मैथ्स की टेक्स्ट बुक खासकर एनसीईआरटी की किताब के सभी सवाल जरूर हल कर लें. इसमें किसी तरह की परेशानी हो तो अपने शिक्षक या किसी भी जानकार की मदद लें.

सप्लीमेंटरी एग्जाम का पेपर करें हल
मैथ्स के टीचर अजीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अगर समय मिले तो बच्चों को पिछले साल का पेपर हल कर लेना चाहिए. सीबीएसई बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध मॉडल पेपर भी मददगार है. इससे टाइम मैनेजमेंट का आइडिया लग जाएगा. साथ ही पिछले साल के पेपर को सॉल्व करने से भी काफी मदद मिल सकती है. यह भी ध्यान रखें कि किस टॉपिक से अधिक अंक वाले सवाल आने की अधिक संभावना रहती है. उन टॉपिक के फॉर्मूले आदि जरूर रिवाइज कर लें. परीक्षा के लास्ट समय में केवल महत्वपूर्ण टाॅपिक ही पढ़ें.

एग्जाम हॉल में जल्दबाजी न करें
इसके साथ ही शिक्षकों ने एग्जाम हॉल के लिए भी कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं. पेपर के दौरान मन को एकदम शांत रखें. सबसे पहले हर सवाल के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़ें. कई बार देखा गया है कि स्टूडेंट्स इंस्ट्रक्शन को जल्दी-जल्दी पढ़कर सवाल हर करने में जुट जाते हैं और पूछा कुछ जाता है, जवाब कुछ लिख देते हैं. इसलिए शांति से पूरा सवाल पढ़ें, निर्देश पढ़ें और फिर हल करें, जो पूछा गया है उसी का जवाब दें.

टाइम मैनेजमेंट का रखें ध्यान
वहीं शिक्षकों ने कहा कि उन सवालों को पहले हल करें, जिनके जवाब को लेकर आप एकदम कॉन्फिडेंट हों. दरअसल, मैथ्स के एग्जाम में टाइम मैनेजमेंट का अहम योगदान होता है. इसलिए यह ध्यान रखना होगा कि कहीं आप किसी ऐसे सवाल में न उलझ जाएं, जिसमें ज्यादा टाइम लग सकता है और कोई ऐसा सवाल छूट न जाए जो आपको आता हो और जिसे आप कम समय में कर सकते हों. इसलिए पहले ऐसे सवाल हल करें जो आपको आसान लगते हों. फिर बचे हुए समय में कठिन लगने वाले सवालों को हल करने की कोशिश करें और कोई भी सवाल छोड़ें नहीं. स्टेप मार्किंग के कारण आपको जवाब के हर स्टेप पर अंक मिलेंगे. इसलिए जितने भी स्टेप तक संभव हो, सवाल हल जरूर करें.विषय विशेषज्ञ पीयुष सैमुअल का कहना है कि एग्जाम के लिए दिए गए समय का पूरा इस्तेमाल करें. अगर आप सभी सवालों को समय से पहले हल कर लेते हैं, तो बचे हुए टाइम में उन्हें डबल चेक करें. देख लें कि कहीं कोई कैलकुलेशन आदि गड़बड़ तो नहीं हो रहा. सभी सवालों के इंस्ट्रक्शन भी एक बार फिर से पढ़ लें. इससे इस बात की आशंका खत्म हो जाएगी कि कहीं ऐसी कोई गलती तो नहीं हो रही, जिससे बचा जा सकता था. इसलिए जब तक इनविजिलेटर यह न कहे कि लिखने का समय समाप्त हो गया, अपनी एग्जाम की कॉपी बंद न करें और रिवीजन करते रहें.

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