पद से हटाए जाने के बाद आकाश आनंद की पहली प्रतिक्रिया

1 min read

पद से हटाए जाने के बाद आकाश आनंद की पहली प्रतिक्रिया, मायावती के फैसले पर कही ये बात
आकाश आनंद ने मायावती के फैसले पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। पद से हटाए जाने के बाद आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय संयोजक पद से बर्खास्त किए जाने के बाद आकाश आनंद ने पार्टी प्रमुख मायावती को बहुजन समाज के लिए रोल मॉडल बताया। साथ ही कहा कि वह भीम मिशन और अपने समाज के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ते रहेंगे।


आपको बता दें कि सीतापुर में भड़काऊ भाषण देना बसपा के नेशनल कोआर्डिटनेटर और बसपा सुप्रीमो मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद पर भारी पड़ गया। मायावती ने मंगलवार देर रात उन्हें दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग कर दिया। इसकी वजह उनका अपरिपक्व होना बताई गई है। बता दें कि आकाश आनंद ने सीतापुर में जनसभा के दौरान भाजपा नेताओं की तुलना आतंकवादियों से की थी। साथ ही, उन्हें जूतों से मारने की बात कही थी।
आकाश आनंद के इस भड़काऊ भाषण के बाद उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था, जिसमें पार्टी के तीन प्रत्याशियों को भी नामजद किया गया था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए आकाश आनंद की रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद वह दिल्ली में पार्टी समर्थकों, छात्रों, शिक्षकों आदि से संपर्क साधते रहे और विपक्षी नेताओं को लगातार निशाने पर लेते रहे।
बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को एक्स पर बयान जारी करके उनको नेशनल कोआर्डिटनेटर के पद और अपने उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी से हटाने का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने आकाश आंनद के पिता और अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी व मूवमेंट के हित में पहले की तरह अपनी जिम्मेदारी निभाते रहने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि बसपा का नेतृत्व पार्टी व मूवमेंट के हित में एवं डॉ. आंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे हटने वाला नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी की नई पीढ़ी के तौर पर पार्टी में अहम पदों पर बैठाए गये आकाश आनंद की शुरुआत अच्छी नहीं रही। महज पांच महीने में ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनसे नेशनल कोऑर्डिटनेटर पद के साथ अपना उत्तराधिकारी होने की जिम्मेदारी भी छीन ली। उन्होंने अपने इस फैसले को कुर्बानी का रूप देकर यह संदेश भी दिया कि बसपा अपने मूवमेंट से किसी भी कीमत पर नहीं डिगेगी।
बता दें कि आकाश आनंद को बीते वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए पदाधिकारियों के सम्मेलन में मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। हालांकि उन्होंने आकाश को यूपी और उत्तराखंड से दूर रखने का निर्णय भी लिया था। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव आने पर आकाश आनंद ने बसपा की जनसभाओं की शुरुआत नगीना से की।
जानकारों की मानें तो इस जनसभा में उन्होंने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना के प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर सीधा हमला बोला, जो कि बसपा नेतृत्व को रास नहीं आया। आकाश आनंद के इस रुख का सियासी फायदा चंद्रशेखर को मिलने की संभावना जताई जाने लगी।
इसके बाद उन्होंने सीतापुर में दिए अपने भड़काऊ भाषण से पार्टी नेतृत्व को नाराज करने मे कोई कसर बाकी नहीं रखी। दरअसल, उनके भाषण की वजह से बसपा के जिलाध्यक्ष विकास राजवंशी, लखीमपुर के प्रत्याशी अंशय कालरा, धौरहरा के प्रत्याशी श्याम किशोर अवस्थी, सीतापुर के प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव पर भी मुकदमा हो गया। यह आकाश आनंद पर भारी पड़ गया और मायवती ने बिना कोई मुरव्वत किए उन्हें सारी जिम्मेदारियों से हटा दिया।
मनाही के बाद भी करते रहे प्रचार
सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो ने सीतापुर के प्रकरण के बाद आकाश आनंद के प्रचार पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद वह लगातार दिल्ली में रहकर प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विदेश में बसे बहुजन समाज के लोगों के साथ संपर्क करते हुए बसपा का प्रचार करते रहे। उन्होंने ऐसे मुद्दों को भी हवा दी, जिससे बसपा नेतृत्व किनारा करता रहा है। वहीं बसपा सुप्रीमो खुद भी लगातार चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रही थीं। ऐसे हालात में उन्होंने सबसे पहले अपने उत्तराधिकारी पर ही गाज गिराकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours