सर्द हवा से लुढ़का पारा, दृश्यता शून्य से दो मीटर रही, ट्रेनों-बसों और फ्लाइटों पर असर
घने कोहरे की वजह से बुधवार और गुरुवार रात को ट्रेनों की रफ्तार थम गई। 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वालीं प्रमुख ट्रेनों की औसत रफ्तार कोहरे में घटकर 30 से 40 किमी प्रति घंटे रह गई।
कानपुर में ठंड ने गुरुवार को पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। तीन साल बाद 28 दिसंबर सबसे ठंडा दिन रहा। सुबह से लेकर दोपहर तक सूरज (रवि) झांके नहीं। इस वजह से अधिकतम तापमान गिरकर 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री रहा। इससे पहले 2019 में अधिकतम तापमान 12.6 डिग्री था
इसके बाद तीन साल तक अधिकतम तापमान 16.4 से ऊपर ही रहा है। बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस था, गुरुवार शाम चार बजे के बाद से चली सर्द हवा से अधिकतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस गिर गया। हालांकि गुरुवार का न्यूनतम पारा बुधवार की अपेक्षा 3.6 डिग्री बढ़ गया।
बुधवार को औसत दृश्यता सात मीटर रही। सुबह छह बजे के पहले और शाम छह बजे के बाद दृश्यता मात्र दो मीटर रही। बुधवार रात दो से सुबह चार बजे तक दृश्यता शून्य थी। सीएसए के मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि कोहरे की वजह से रात के वक्त पारा बढ़ा लेकिन दिन में शाम चार बजे के बाद सर्द हवा चलने लगी। इससे अधिकतम पारे में गिरावट आई।
प्रीमियम ट्रेनें भी 30 से 40 की स्पीड से दौड़ीं
घने कोहरे की वजह से बुधवार और गुरुवार रात को ट्रेनों की रफ्तार थम गई। 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वालीं प्रमुख ट्रेनों की औसत रफ्तार कोहरे में घटकर 30 से 40 किमी प्रति घंटे रह गई। रात में तो ये ट्रेनें 20 किमी प्रति घंटे की चाल ही चल पाईं। हालत यह रही कि राजधानी, स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेनें भी 15 घंटे तक लेट हो गईं। रिवर्स शताब्दी और तेजस एक्सप्रेस को निरस्त करना पड़ गया।
निरस्त हुईं तेजस और रिवर्स शताब्दी
ट्रेनों का यह हाल तब है जब दिल्ली-हावड़ा लाइन से 110 मालगाड़ियां डीएफसी लाइन पर शिफ्ट की जा चुकी हैं और 30 जोड़ी ट्रेनें निरस्त चल रही हैं। इसके बावजूद 103 ट्रेनें 20 घंटे तक लेट हुईं। चार हजार से अधिक यात्रियों को यात्रा निरस्त करनी पड़ी। हाईवे पर बसें भी 10 से 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार ही पकड़ सकीं। दो दिन से ठीक समय पर चल रही बंगलूरू की फ्लाइट भी 40 मिनट लेट हो गई। वैसे दिल्ली, मुंबई की उड़ानें समय से आईं और गईं।
तेजस के यात्रियों को 250 रुपये हर्जाना
देश की पहली कारपोरेट ट्रेन लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के तीन घंटे की देरी से दोपहर 3:38 बजे दिल्ली पहुंची। इस पर वापसी वाली तेजस दिल्ली से निरस्त कर दी गई। तीन घंटे से अधिक लेट होने पर एक हजार से अधिक यात्रियों को आईआरसीटीसी 250 रुपये प्रति यात्री के हिसाब से हर्जाना देगा।
17 घंटे लेट रही वंदे भारत: नई दिल्ली से चलकर वाराणसी जाने वाली 22416 वंदे भारत एक्सप्रेस बुधवार को शाम 7:08 बजे कानपुर सेंट्रल आनी थी पर कोहरे में फंसकर गुरुवार को सुबह 11:26 पर कानपुर सेंट्रल आई। 19 मिनट ठहराव के बाद वाराणसी के लिए रवाना हुई। यह ट्रेन 17 घंटे विलंब से चली। इसके अलावा भी कई ट्रेंनों पर असर पड़ा।
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