ड्रग रसिस्टेंट टीबी उपचार के लिए डॉ प्रदीप कुमार जिला डीआरटीबी सेन्टर के नोडल नामित

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रायबरेली, 21 सितंबर 2023
राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला चिकित्सालय के टेलीमेडिसिन सभागार में डिस्ट्रिक्ट ड्रग रजिस्टेंस (डीडीआर) टीबी की कोर कमेटी की बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में डीआर टीबी की जांच और औषधिया निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है इसके लिए बलगम का नमूना उच्च जांच हेतु लखनऊ भेजा जाता है |

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बैठक में डॉ प्रदीप कुमार को डिस्ट्रिक्ट डीआरटीबी सेन्टर का नोडल नामित किया गया | इसके साथ ही बैठक में मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट(एमडीआर) मरीजों के इलाज शुरू कराने से पहले निशुल्क ईसीजी करने और क्षय रोगियों की बलगम की 5% जांच के लिए रेफ़र करने के संबंध पर चर्चा हुई |

इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनुपम सिंह और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ महेंद्र, अस्पताल के सभी चिकित्सक, डब्ल्यू एच ओ डा नीतू सरोज, पीएमडीटी समन्वयक अतुल कुमार, जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक मनीष श्रीवास्तव, एसटीएस के. के. श्रीवास्तव, उपस्थित रहे।
क्या है ड्रग रसिस्टेंट टीबी ?
टीबी एक बैक्टीरिया-जनित बीमारी है जो कि हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। DR-TB तब होता है जब बैक्टीरिया टीबी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिये प्रतिरोधी हो जाते हैं। इसका मतलब यह है कि दवा अब टीबी जीवाणुओं को नहीं मार सकती है।

दो तरह के टीबी के रोग के वेरिएंट होते हैं, जिसमें मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी से सबसे विकराल रूप को एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के नाम से जाना जाता है. यह टीबी बड़े पैमाने पर दवा प्रतिरोधी होती है. ज्यादातर दवाओं का इस पर कोई असर नहीं होता

संवाददाता असगर अली महाराजगंज रायबरेली

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